जम्मू, 12 जुलाई (Udaipur Kiran) । ग्रामीण विकास विभाग और पंचायती राज सचिव डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी ने शोपियां, कुलगाम और पुलवामा जिलों में विभागीय योजनाओं की व्यापक समीक्षा की। समीक्षा में यूटी कैपेक्स बजट के तहत वित्त पोषित चल रही परियोजनाओं की स्थिति का भी आकलन किया गया। बैठक के दौरान, सचिव आरडीडी एंड पीआर ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की स्थिति की समीक्षा की और इन योजनाओं के तहत इन जिलों के त्रैमासिक लक्ष्यों और उपलब्धियों का आकलन किया।
बैठक में मिशन निदेशक जेकेआरएलएम इंदु कंवल चिब, निदेशक पंचायती राज शाम लाल, निदेशक वित्त उमर खान, सीईओ आईडब्ल्यूएमपी रजनीश कुमार, संयुक्त निदेशक योजना कमल कुमार शर्मा, अतिरिक्त सचिव आरडी एंड पीआर वसीम रजा, उप सचिव शीतल पंडिता, तकनीकी अधिकारी पीएमएवाई-जी मोहम्मद रियाज़, और एसीडी, एसीपी और एक्सईएन सहित विभिन्न योजनाओं के प्रमुख भी उपस्थित थे। अभिसरण कार्यों पर प्रगति, पंचायत घरों की स्थिति, सामान्य सेवा केंद्रों के सह-स्थान और जिला विकास परिषद और ब्लॉक विकास परिषद भवनों के विकास का आकलन किया गया।
सचिव ने सहायक आयुक्त विकास और सहायक आयुक्त पंचायत के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया और उन्हें विभिन्न योजनाओं के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया। उन्होंने शोपियां, कुलगाम और पुलवामा जिलों में ग्रामीण विकास पहल की पूरी क्षमता का एहसास करने के लिए समन्वित प्रयास की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. शाहिद ने विशेष रूप से मनरेगा और पीएमए-जी के तहत प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों की करीबी निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने निर्धारित लक्ष्यों की समय पर उपलब्धि सुनिश्चित करने के लिए नियमित प्रगति मूल्यांकन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जिला स्तर पर प्रभावी संसाधन उपयोग और त्वरित प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अंतरविभागीय अभिसरण के महत्व को रेखांकित किया। डॉ. शाहिद ने निर्धारित लक्ष्यों को कुशलतापूर्वक प्राप्त करने के लिए विभिन्न विभागों और हितधारकों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। सचिव ने अधिकारियों को क्षेत्र में ग्रामीण विकास पहलों के प्रभाव को अधिकतम करने के लिए उपलब्ध संसाधनों के इष्टतम उपयोग पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस दृष्टिकोण का उद्देश्य विभिन्न योजनाओं और विभागों के बीच तालमेल बनाना है, जिससे अधिक व्यापक और टिकाऊ ग्रामीण विकास हो सके।
बैठक में पंचायत घरों के पूरा होने और सामान्य सेवा केंद्रों के सह-स्थान की स्थिति का आकलन किया गया। डॉ. शाहिद ने इस संबंध में लंबित कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया। सचिव ने जिला विकास परिषद और ब्लॉक विकास परिषद भवनों के चल रहे निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा की और अधिकारियों से इन्हें पूरा करने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। डॉ. शाहिद ने यूटी कैपेक्स बजट के तहत वित्त पोषित चल रही परियोजनाओं की स्थिति की व्यापक समीक्षा भी की। उन्होंने अधिकारियों को इन परियोजनाओं की बारीकी से निगरानी करने और किसी भी बाधा को तुरंत दूर करने का निर्देश दिया। सचिव ने निर्देश दिया कि धनराशि जारी की जाए और शीघ्रता से उपयोग किया जाए। उन्होंने देरी को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर बल देते हुए जिला अधिकारियों से धन के समय पर अवशोषण की सुविधा के लिए विस्तृत आवश्यकताएं प्रदान करने को कहा। सचिव आने वाले दिनों में यूटी के अन्य जिलों की भी इसी तरह की समीक्षा बैठकें करेंगे।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह