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सांची के स्तूप स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना हैं : डॉ. पनगढ़िया

सोलहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने किया सांची स्तूप और उदयगिरि का भ्रमण
सोलहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने किया सांची स्तूप और उदयगिरि का भ्रमण

– सोलहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने किया सांची स्तूप और उदयगिरि का भ्रमण

भोपाल, 04 मार्च (Udaipur Kiran) । सोलहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और सदस्य एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. सौम्य कांति घोष एवं डॉ. मनोज पांडा ने मध्य प्रदेश के चार दिवसीय प्रवास के पहले दिन मंगलवार को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल सांची स्तूप और ऐतिहासिक उदयगिरि गुफाओं का भ्रमण किया। आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया ने सांची स्तूप की भव्यता और कलात्मक उत्कृष्टता को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सांची के स्तूप प्रदेश में स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है। डॉ. पनगढ़िया ने कहा कि यह ऐतिहासिक स्थल तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में महान सम्राट अशोक द्वारा निर्मित कराया गया था और बौद्ध धर्म के महत्त्वपूर्ण केंद्रों में से एक है। सांची के स्तूप अपनी उत्कृष्ट स्थापत्य शैली और अद्भुत शिल्पकारी के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ मौजूद तोरण द्वार और जटिल नक्काशीदार स्तंभ बौद्ध जातक कथाओं और घटनाओं को दर्शाते हैं।सोलहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगड़िया और सदस्यों ने सांची स्तूप के भ्रमण के दौरान प्रदेश के गौरवशाली इतिहास से परिचय प्राप्त किया और भारतीय संस्कृति की समृद्ध धरोहर को नजदीक से देखा। वित्त आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से सांची स्तूप के इतिहास को एक रोचक कहानी के माध्यम से जाना। बौद्ध धर्म के विकास, सम्राट अशोक की धम्म नीति और सांची के ऐतिहासिक महत्व की गहरी जानकारी प्राप्त हुई।

उदयगिरि गुफाओं में ऐतिहासिक धरोहर की झलक

आयोग के अध्यक्ष और प्रतिनिधियों ने उदयगिरि गुफाओं का भी भ्रमण किया। गुप्तकालीन इन गुफाओं में भगवान विष्णु और अन्य देवी-देवताओं की अद्भुत मूर्तियां उकेरी गई हैं, जो प्राचीन भारतीय कला और धर्म का अनुपम उदाहरण हैं। उदयगिरि की 20 गुफाओं में विशेष रूप से वाराह अवतार की विशाल प्रतिमा, जिसमें भगवान विष्णु पृथ्वी को समुद्र से निकालते हुए दिखाए गए हैं, ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। वित्त आयोग के सदस्यों ने कहा कि सांची और उदयगिरि जैसे ऐतिहासिक स्थल भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के अमूल्य प्रतीक हैं। इन स्थलों का संरक्षण और प्रचार-प्रसार भावी पीढ़ियों के लिए अत्यंत आवश्यक है।गौरतलब है कि सोलहवें वित्त आयोग का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मध्य प्रदेश के चार दिवसीय प्रवास पर भोपाल पहुंचा। वित्त विभाग के सचिव लोकेश जाटव ने भोपाल आगमन पर आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों का एयरपोर्ट पर स्वागत किया। उक्त प्रतिनिधिमंडल यहां सात मार्च तक विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करेगा। वित्त आयोग के दौरे का मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण, अनुदान सहायता (ग्रांट्स-इन-ऐड) के निर्धारण और राज्यों के बीच संसाधनों के उचित आवंटन से संबंधित विषयों पर विचार-विमर्श करना है। प्रतिनिधमंडल के सदस्य राज्य में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों, स्थानीय निकायों, पंचायत एवं नगरीय निकायों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे। बैठकों में बढ़ी हुई कर हस्तांतरण (डेवोल्युशन) की दर के राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रभाव और राज्य के व्यय स्वरूप में हुए परिवर्तन पर चर्चा की जाएगी।

(Udaipur Kiran) तोमर

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