देहरादून, 26 जुलाई (Udaipur Kiran) । मैक्स हॉस्पिटल देहरादून के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मयंक गुप्ता ने कहा कि हेपेटाइटिस सी को बिना उपचार के छोड़ दिया जाय तो लिवर में स्थायी क्षति या लिवर के कैंसर का कारण बन सकती है। नई दवाओं ने इस बीमारी को ठीक करना संभव बना दिया है। ऐसे में हेपेटाइटिस सी के बारे में और जागरूकता बढ़ाना होगा।
शुक्रवार को डॉ. मयंक गुप्ता ने पत्रकार वार्ता में कहा कि हेपेटाइटिस सी लिवर का एक आम और गंभीर संक्रमण है, जिसका समय पर इलाज न होने पर लिवर में स्थायी क्षति और लिवर कैंसर हो सकता है। नई एंटीवायरल दवाओं के आने से इसके उपचार में क्रांति ला दी है। इससे एक दिन में सिर्फ एक गोली खा लेने से हेपेटाइटिस सी का इलाज संभव हो गया है। उन्होंने बताया कि मैक्स में हाल ही में एक 60 वर्षीय महिला में जब आकस्मिक लिवर फंक्शन टेस्ट में असामान्यताएं पाई गईं जिससे हेपेटाइटिस सी होने का पता चला। आगे की जांच करने के बाद उसे उच्च वायरल लोड और बढ़ते हुए लिवर क्षति का निदान किया गया। मैक्स अस्पताल में प्रदान किए गए त्वरित हस्तक्षेप और उन्नत उपचार और दवा के बाद पूरी तरह से ठीक हो गई।
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी और एंडोस्कोपी के कंसल्टेंट डॉ. प्रत्यूष शरण सिंघल ने हेपेटाइटिस सी के जांच और उपचार जोर दिया। उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस सी एक मूक लेकिन घातक बीमारी होती है। ज्यादा संक्रमण वाले क्षेत्रों में नियमित जांच के माध्यम से प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण हो जाती है। नए एंटीवायरल उपचार भी अत्यधिक प्रभावी हैं, जो हेपेटाइटिस सी को एक इलाज योग्य बना देते हैं और लिवर की विफलता और कैंसर जैसी गंभीर जटिलताओं को रोकते हैं।
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी और एंडोस्कोपी के कंसल्टेंट डॉ.अभिजीत भावसार ने हेपेटाइटिस वायरस के बारे में क्या करें और क्या न करें के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि “क्रोनिक हेपेटाइटिस संक्रमण वाले लोगों को उनकी स्थिति और संक्रमण के स्तर के आधार पर दवा उपचार की आवश्यकता हो सकती है या नहीं भी हो सकती है। ऐसे कई और कदम हैं जो व्यक्ति अपने लीवर की सुरक्षा और अपने समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए उठा सकते हैं। पर्याप्त आराम करें और संतुलित आहार लें। दूसरों को अपने खून या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में न आने दें। अगर आपके लक्षण 4 या 6 सप्ताह से ज़्यादा समय तक बने रहते हैं या आपको नए लक्षण दिखाई देते हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। परिवार के सदस्यों और अपने नज़दीकी लोगों के लिए टीकाकरण के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें। शराब का सेवन न करें या पैरासिटामोल जैसी दवाएं न लें, जो आपके लीवर को और नुकसान पहुंचा सकती हैं।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार / वीरेन्द्र सिंह