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पूर्वी चंपारण,18 जनवरी (Udaipur Kiran) ।महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय को मेडिकल रिसर्च के लिए एक और महत्वपूर्ण अनुदान प्राप्त हुआ है। विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिजीत कुमार को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) से दूसरा बड़ा शोध अनुदान प्राप्त हुआ है।उनके प्रोजेक्ट का शीर्षक फेनिलकेटोनूरिया (पीकेयु) के लिए संभावित दवा उम्मीदवार की खोज: फेनिलएलनिन हाइड्रॉक्सिलेज के लिए उच्च आत्मीयता वाले पाइरीमिडीन आधारित फार्माकोलॉजिकल चापेरोन्स का डिज़ाइन और विकास है।
इस अनुसंधान अनुदान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के जेनेटिक डिसऑर्डर सेंटर के डॉ. पवन दुबे और एमजीसीयू के जूलॉजी विभाग के डॉ. बुद्धि प्रकाश जैन सह-अन्वेषक के रूप में सहयोग शामिल है। करीब एक करोड़ रुपये से अधिक के बजट वाला यह प्रतिष्ठित अनुदान फेनिलकेटोनूरिया (पीकेयु), एक महत्वपूर्ण आनुवंशिक विकार के लिए संभावित दवा उम्मीदवार विकसित करने का लक्ष्य रखता है। इससे पहले, डॉ. अभिजीत कुमार ने नीमैन-पिक रोग प्रकार सी (एनपीसी ) के लिए संभावित दवा उम्मीदवार की खोज के लिए आईसीएमआर से एक महत्वपूर्ण शोध अनुदान प्राप्त किया था।
एमजीसीयू के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने डॉ. अभिजीत को बधाई देते हुए कहा, यह अनुदान एमजीसीयू की नवाचारी अनुसंधान को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। डॉ. अभिजीत कुमार और डॉ. बुद्धि प्रकाश जैन का कार्य न केवल उनकी समर्पण का प्रमाण है बल्कि विश्वविद्यालय को एक अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित करता है। रसायन विज्ञान विभाग के विभागध्यक्ष प्रो. रफीक उल इस्लाम और विभाग के अन्य संकाय सदस्य डॉ. राकेश कुमार पांडे, डॉ. राजनीश नाथ तिवारी, डॉ. उत्तम कुमार दास, और डॉ. अनिल कुमार सिंह ने भी डॉ. अभिजीत कुमार को उनकी अद्वितीय उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी।
(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार
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