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आजादी की लड़ाई और देश के नवनिर्माण में हिंदी पत्रकारिता की अहम भूमिका: डीपी गुप्ता

हिंदी पत्रकारिता दिवस पर संबोधित करते हुए डीपी गुप्ता।

मंडी, 30 मई (Udaipur Kiran) । हिंदी पत्रकारिता दिवस का के अवसर पर प्रेस क्लब मंडी की ओर से रामनगर स्थित प्रेस क्लब भवन में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार डीपी गुप्ता ने बतौर मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर वल्लभ कालेज में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रमुख डा. चमन प्रेमी विशिष्ट वक्ता के रूप में मौजूद रहे। जबकि जिला लोक संपर्क अधिकारी हेमंत कुमार, वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व प्रधान बीरबल शर्मा, मुरारी शर्मा और अंकुश सूद ने भी चर्चा में भाग लेते हुए अपने विचार रखे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में डीपी गुप्ता ने कहा कि अंग्रेजों ने अपनी नीतियों को लागू करने और अंग्रेजी भाषा के प्रसार के लिए बंगाल गेजिटियर का प्रकाशन शुरू किया। वहीं पर देश के स्वतंत्रता सेनानियों और प्रबुद्ध भारतीयों ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हिंदी के अखबारों और पत्रिकाओं का प्रकाशन शुरू किया। जिनमें बंगाल से ही उदंत मार्तंड नामक हिंदी का पहला अखबार शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि हिंदी अखबारों की भूमिका आजादी की लड़ाई में सराहनीय रही । वहीं पर आजादी के बाद देश के नवनिर्माण में भी हिंदी अखबारों की भूमिका प्रशंसनीय रही है।

उन्होंने बताया कि उस दौर के उद्याोगपति भी स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने में पीछे नहीं रहे। इन्हीं में से एक बिड़ला घराने की ओर से हिंदी का अखबार हिंदुस्तान शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि आज भी देश में हिंदी अखबारों की संख्या और प्रसार सबसे अधिक है और हिंदी पत्रकारिता का भविष्य उज्जवल है।

वहीं पर डा. चमन प्रेमी ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता का आजादी की लड़ाई में योगदान इस बात को दर्शाता है कि जहां तोप मुकाबिल हो वहां अखबार भारी पड़ती है। उन्होंने कहा कि जितने भी आजादी के योद्धा रहे हैं, वे बंदूक से नहीं बल्कि कलम की नोक से इस जंग को लड़ते रहे हैं। उन्होंने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी, से लेकर महात्मागांधी, बाबा साहेब अंबेडकर, राजा राम माेहन राय, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपतराय समेत अनेक स्वतंत्रता सेनियों द्वारा हिंदी के अखबार निकाल कर हिंदुस्तान की अवाम को जागृत किया।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार सहित्यकार मुरारी शर्मा ने कहा कि गदर पार्टी के संस्थापक लाला हरदयाल ने अमेरिका में रहते हुए देश की स्वतंत्रता के लिए ग़दर की गूंज अखबार निकाला, जिसे गदर पार्टी के कार्यकर्ता हिंदुस्तान में लोगों के बीच बांटते थे। ऐसे ही मंडी के पहले गदरिये हरदेव जो बाद में स्वामी कृष्णानंद के नाम से मशहूर हुए मंडी में गदर पार्टी का साहित्य और अखबार लेकर आए थे। वहीं पर बीरबल शर्मा ने सुझाव दिया कि हिंदी पत्रकारिता के दो सौ साल होने के अवसर पर प्रेस क्लब मंडी को स्मारिका का प्रकाशन कर इस तरह की सामग्री का प्रकाशन करना चाहिए। इस अवसर पर जिला लोक संपर्क अधिकारी हेमंत शर्मा, पूर्व अध्यक्ष अंकुश सूद, प्रेस क्लब की उपाध्यक्ष मोनिका ठाकुर, महासचिव हंसराज सैनी और कोषाध्यक्ष भगत सिंह गुलेरिया ने भी अपने विचार रखे। प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुभाष ठाकुर ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी वर्ष इस आयोजन को बड़े पैमाने पर किया जाएगा और स्मारिका के प्रकाशन के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार दीपेंद्र मांटा,रूपलाल कौंडल, नरेंद्र शर्मा, धर्मचंद वर्मा, रजनीश हिमालयन, सोनिया शर्मा, विनोद राणा, सुरेंद्र शर्मा, सरोज ठाकुर, धर्मवीर, अश्वनी , वनिता, विप्लव सकलानी आदि मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा

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