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डॉट ने दूरसंचार कोष डिजिटल भारत निधि के उपयोग के लिए नियम किए अधिसूचित

दूरसंचार विभाग के लोगो का फाइल फोटो

नई दिल्‍ली, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । दूरसंचार विभाग (डॉट) ने सोमवार को नए नियमों को अधिसूचित किया है, जिसके अनुसार डिजिटल भारत निधि (जिसे पहले यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड कहा जाता था) से धन का आवंटन कनेक्टिविटी में सुधार के लिए किया जाएगा।

दूरसंचार विभाग ने जारी एक बयान में कहा कि डॉट ने ‘दूरसंचार (डिजिटल भारत निधि का प्रशासन) नियम, 2024’ अधिसूचित किया है। इसका उद्देश्य दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 24 (1) के तहत स्थापित डिजिटल भारत निधि पहल के प्रबंधन और कार्यान्वयन को बढ़ाना है। आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक डिजिटल भारत निधि से वंचित और दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं में सुधार लाने तथा समाज के वंचित समूहों जैसे महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों और आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए परियोजनाओं को वित्तपोषित किया जाएगा।

केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने जारी एक बयान में कहा कि नए नियम डिजिटल कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने और समाज के सभी वर्गों में दूरसंचार सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। सिंधिया ने कहा कि “डिजिटल रूप से जुड़े भारत और आत्मनिर्भर दूरसंचार क्षेत्र के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना” है। मंत्री ने कहा कि यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि टेलीकॉम अधिनियम 2023 के पहले नियम, ‘डिजिटल भारत निधि’ अब प्रभावी हो गए हैं। यह हमारे द्वारा टेलीकॉम सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने और 2047 तक विकसित भारत के मिशन को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उल्‍लेखनीय है कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 को संसद ने दिसंबर 2023 में पारित किया था, इसे 24 दिसंबर 2023 को भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली और उसी दिन इसे सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया गया था। डिजिटल भारत निधि के तहत वित्त पोषित योजनाओं और परियोजनाओं को नियमों में निर्दिष्ट एक या अधिक मानदंडों को पूरा करना होगा। इनमें दूरसंचार सेवाओं, जिसमें मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवाएं और दूरसंचार उपकरण शामिल हैं।

(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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