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सोमवती अमावस्या पर सजी विशेष झांकी, गौशालाओं में किया दान-पुण्य

सोमवती अमावस्या पर सजी विशेष झांकी, गौशालाओं में किया दान-पुण्य

जयपुर, 26 मई (Udaipur Kiran) । सोमवती अमावस्या पर सोमवार को छोटीकाशी में दान-पुण्य पर जोर रहा। श्रद्धालुओं ने दिवंगत पितृगणों का पुण्य स्मरण करते हुए चावल से भोग लगाया और गाय को रोटी खिलाई। हवन में आहुतियां प्रदान की। मंदिरों में श्रद्धालुओं ने जरुरतमंदों को अनाज और फल का वितरण किया। टोंक रोड सांगानेर, दुर्गापुरा, खोले के हनुमानजी, ढहर के बालाजी सहित अन्य स्थानों की गौशालाओं में गायों को चारा और गुड़ खिलाया गया। बड़ी संख्या में लोग गलताजी पहुंचे। गोविंद देवजी मंदिर में ठाकुरजी को पंचामृत अभिषेक कर काले रंग की पोशाक धारण कराई गई। ऋतु पुष्पों और चंदन से विशेष श्रृंगार किया गया। दोपहर को जल विहार कराया गया। मंगलवार और बुधवार को भी जल विहार उत्सव होगा।

सरस निकुंज में किया पद गायन

सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित श्री सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में आचार्य जयंती मनाई गई। ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार का वेदोक्त मंत्रोंच्चार से अभिषेक कर ऋतु पुष्पों से श्रृंगार किया गया। शाम को पदगायन हुआ। वहीं, 27 मई को सुबह नौ से बारह बजे तक शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।

अखंड सुहाग के लिए किया वट वृक्ष का पूजन

ज्येष्ठ माह की सोमवती अमावस्या सोमवार को वट सावित्री पर्व पर सुहागिन महिलाओं ने अखंड सुख-सौभाग्य की कामना के साथ वट वृक्ष का पूजन किया। सुहाग की प्रतीक लाल साड़ी और चूनड़ी ओढक़र सजी-धजी महिलाओं ने लोकगीतों के साथ वट वृक्ष का पूजन किया। वट वृक्ष में कच्चा सूत बांधकर परिक्रमा की। पूजन के बाद सभी ने सदा-सुहागिन रहने की मनौती मांगी। गोविंद देवजी, खोले के हनुमान मंदिर, जंगलेश्वर महादेव, पापड़ के हनुमानजी, झारखंड महादेव सहित अन्य बड़े मंदिरों में सुबह से ही महिलाओं की भीड़ रही। महिलाएं पूजा-अर्चना करने समूह में मंदिर पहुंची। भगवान की नियमित पूजा-अर्चना कर उन्होंने वट वृक्ष का पूजन किया। जिन मंदिरों में वट वृक्ष नहीं था वहां गमले में लगे वट वृक्ष का पूजन किया गया।

पौराणिक कथा के अनुसार सती सावित्री ने इसी व्रत को करके अपने मृत पति को यमराज से वापस पाया था। तब से यह परंपरा चली आ रही है।

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(Udaipur Kiran)

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