-ट्रंप ने की परमाणु समझौते की वकालत
रियाद, 14 मई (Udaipur Kiran) । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक महत्वपूर्ण भाषण में ईरान से “नया और बेहतर रास्ता” अपनाने की अपील की। यह बयान ऐसे समय आया है जब वे परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान के साथ एक नया समझौता करने के प्रयासों में लगे हुए हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मैं अतीत के संघर्षों को समाप्त कर नई साझेदारियों को तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हूं, चाहे हमारे मतभेद कितने भी गहरे क्यों न हों।” उन्होंने आगे कहा कि अगर ईरान अब भी पीछे हटता है तो हमारे पास अधिकतम दबाव डालने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वह ईरानी तेल निर्यात को शून्य कर देंगे। ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होगा। अब चुनाव उन्हें करना है। उन्होंने कहा- यह ऐसा प्रस्ताव नहीं है जो हमेशा के लिए चलेगा।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ हाल ही में चौथे दौर की बातचीत के लिए ईरानी अधिकारियों से मिले हैं। इन वार्ताओं का उद्देश्य ईरान को परमाणु कार्यक्रम छोड़ने के लिए राजी करना है।
अब्राहम समझौते में सऊदी की संभावित भागीदारी
ट्रंप ने यह भी आशा जताई कि सऊदी अरब शीघ्र ही अब्राहम समझौते में शामिल होकर इजराइल को मान्यता देगा। हालांकि, सऊदी अरब का कहना है कि जब तक 1967 की सीमा रेखा के अनुसार एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना नहीं होती, तब तक वह इजराइल को मान्यता नहीं देगा।
सऊदी अरब के साथ हुए बहुपक्षीय समझौते
रियाद यात्रा के पहले दिन ट्रंप ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, न्याय और सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के लिए दर्जनों समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। वहीं, ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि हम एक-दूसरे को वास्तव में पसंद करते हैं।”
इस मौके पर आयोजित अमेरिका-सऊदी निवेश सम्मेलन में ट्रंप ने कहा कि सऊदी अरब पहले ही 600 अरब डॉलर के निवेश का वादा कर चुका है, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि एक ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य और भी बेहतर होगा।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
