कोलकाता, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । एसएसकेएम अस्पताल में ‘दादागिरी’ के आरोपों का सामना कर रहे डॉक्टर अभीक डे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। अस्पताल प्रशासन ने आदेश दिया है कि अभीक डे अब एसएसकेएम अस्पताल में कोई भी काम नहीं कर पाएंगे। उन्हें ऑपरेशन थिएटर (ओटी) और इमरजेंसी डिपार्टमेंट में भी ड्यूटी करने से मना किया गया है। इसके अलावा, अभीक को हॉस्टल में भी कोई कमरा नहीं मिलेगा।
इस फैसले की घोषणा सोमवार को कॉलेज काउंसिल की बैठक में की गई और मंगलवार को इसका आदेश जारी किया गया। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने भी अभीक को निलंबित कर दिया था। अब, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी उन्हें सस्पेंड कर दिया है।
अभीक डे के अलावा, डॉक्टर बिरुपाक्ष विश्वास और डॉक्टर सुशांत राय को भी आईएमए ने निलंबित कर दिया है, जिन पर सरकारी अस्पतालों में ‘दादागिरी’ के आरोप लगे हैं।
आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर के खिलाफ रेप और मर्डर के आरोपों के बीच अस्पताल में आर्थिक भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं के भी आरोप उठे हैं। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग में हो रही अनियमितताओं के बीच बर्दवान मेडिकल कॉलेज का भी नाम सामने आया है। आरोप है कि एसएसकेएम के डॉक्टर-पढ़ाई कर रहे अभीक इस ‘बर्दवान सिंडिकेट’ के प्रमुख थे।
अभीक डे पहले बर्दवान मेडिकल कॉलेज के आरएमओ रह चुके हैं। आर.जी .कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार रूम में उनकी उपस्थिति को लेकर भी सवाल उठे हैं, जहां वे उस समय उपस्थित थे जबकि उनका उस अस्पताल से कोई सीधा संबंध नहीं था। कई चिकित्सा संगठनों ने एसएसकेएम में अभीक के पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी) होने पर भी सवाल उठाए थे।
इस बीच, तृणमूल छात्र परिषद ने भी अभीक को अपने संगठन से निलंबित कर दिया है और उन्हें बर्दवान मेडिकल कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया गया है, जब तक जांच पूरी नहीं होती। पांच सितंबर को अभीक और बिरुपाक्ष को स्वास्थ्य भवन द्वारा निलंबित किया गया था। अब, आईएमए ने भी दोनों को सस्पेंड कर दिया है, और एसएसकेएम अस्पताल ने अभीक को काम करने से रोक दिया है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर