
जम्मू, 21 मई (Udaipur Kiran) । जम्मू और कश्मीर सरकार की प्रमुख पहल नशा मुक्ति अभियान के तहत बुधवार को सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बहू फोर्ट में नशे को ना कहें, जीवन को हाँ कहें नामक एक शक्तिशाली जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कानून प्रवर्तन अधिकारियों सहित 100 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और व्यक्तियों-विशेषकर युवाओं को स्वस्थ, नशा मुक्त जीवन अपनाने के लिए प्रेरित करना था। यह अभियान शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, समाज कल्याण, आबकारी और नागरिक समाज का एक संयुक्त प्रयास था।
कार्यक्रम में डॉ. सीमा, चिकित्सा अधिकारी ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सामूहिक शपथ दिलाई, और प्रतिभागियों से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। पुलिस विभाग के उप निरीक्षक रसपाल सिंह ने नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने में कानून प्रवर्तन की महत्वपूर्ण भूमिका और सामुदायिक सतर्कता की आवश्यकता के बारे में बात की। समाज कल्याण विभाग की मैडम वर्षा मंगोत्रा ने नशे की लत के भावनात्मक और सामाजिक प्रभावों पर प्रकाश डाला और व्यावहारिक सहायता रणनीतियों की पेशकश की।
आबकारी विभाग के उप निरीक्षक तनव राजपूत ने कानूनी ढांचे पर प्रकाश डाला और युवाओं को सूचित और जिम्मेदार रहने के लिए प्रोत्साहित किया। नशा मुक्ति अभियान के संसाधन व्यक्ति सुभाष चंद्र ने रिकवरी और लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक प्रभावशाली संबोधन दिया जिसमें प्रभावित लोगों से मदद लेने और अपने जीवन को फिर से बनाने का आग्रह किया। एसएमडीसी सदस्य करुणा छेत्री ने नशा मुक्त मूल्यों को बढ़ावा देने में स्कूल-समुदाय सहयोग के महत्व पर जोर दिया। स्कूल में नशा मुक्त भारत अभियान की नोडल अधिकारी सुश्री महजबीन ने रोकथाम और जागरूकता में शिक्षा की परिवर्तनकारी भूमिका को रेखांकित किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
