Uttar Pradesh

शिशु की नाभि पर किसी प्रकार का तेल न लगाएं: डॉ. दीप्ति अग्रवाल

कार्यशाला में पुस्तक का विमोचन करते अतिथिगण

लखनऊ, 18 नवंबर (Udaipur Kiran) । डा. राम मनोहर ​लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में डेवलपमेन्ट सपोर्टिव केयर पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा और संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह ने दीप जलाकर किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि इस माड्यूल की सफलता तभी संभव है जब नर्सिग संवर्ग का भी पूर्णतः योगदान हो। क्योंकि वह चिकित्सक एवं अभिभावकों के बीच पूल की भॉति काम करती है जिनका काम बच्चों की सेवा एवं ध्यान रखना होता है।

डॉ दीप्ति अग्रवाल ने बताया कि शिशु की नाभि पर किसी प्रकार के तेल या पर्दाथ का प्रयोग न करे, उसे सूखा रखें। काजल न लगाएं। बच्चे को ऊनी कपड़ों के नीचे सूती कपड़ों की एक परत पहनाएं। मालिश के स्थान पर हल्के हाथों से तेल लगाएं।

डॉ0 अशोक कुमार गुप्ता ने बताया की शिशुओं में आरामदायक नींद को बढ़ावा देने के लिए कम रोशनी और कम शोर के स्तर को बनाए रखने की आवश्यकता है। त्वचा से त्वचा का संपर्क सुरक्षित नींद को बढ़ावा देता है साथ ही यह भी समझाया कि अपने बच्चे के साथ सोने के समय को अभिभावको एक शांत अवधि के रूप में देखने के लिए कोे प्रोत्साहित करें।

डॉ शालिनी त्रिपाठी ने बताया नवजात शिशु में दर्द और तनाव के संकेतों को पहचानना महत्वपूर्ण है। नवजात शिशुओं में भूख के समय हाथ से मुंह दबाना नवजात का स्व-नियामक व्यवहार है। शिशु के अकेले आरामदायक होने पर कंबल लपेटना, उंगली और पैर दबाना नवजात का स्व-नियामक व्यवहार है। जिसे समझना आवश्यक है।

यह कार्यशाला मुख्यतः मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों के बालरोग विशेषज्ञों के लिए आयोजित की गयी है। डेवलपमेन्ट सपोर्टिव केयर/फैमिली पार्टिसेपेटरी केयर का मॉड्यूल का विमोचन किया गया।

—————

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

Most Popular

To Top