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एक राष्ट्र, एक चुनाव पर दोहरी भूमिका निभा रहा डीएमके: पवन कल्याण

पवन कल्याण का सामूहिक भाषण

चेन्नई, 26 मई (Udaipur Kiran) । आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जन सेना पार्टी के नेता पवन कल्याण ने कहा कि एक राष्ट्र-एक

चुनाव के प्रस्ताव पर डीएमके दोहरी भूमिका निभा रही है। अगर चुनाव के समय इंडी गठबंधन जीतता है तो वे कहेंगे कि चुनाव निष्पक्ष तरीके से हुये। वहीं, अगर वे हार गए तो वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर धांधली का आरोप लगाएंगे।

उपमुख्यमंत्री और जन सेना पार्टी के नेता पवन कल्याण चेन्नई के तिरुवनमियूर में आयोजित एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डीएमके और इंडी गठबंधन एक राष्ट्र, एक चुनाव के प्रस्ताव के प्रति अपना विरोध व्यक्त कर रहे हैं। डीएमके ने झूठा प्रचार किया कि एक राष्ट्र, एक चुनाव योजना संघवादी सिद्धांत के विरुद्ध है।

उन्होंने एक कहावत की याद दिलाते हुए कहा कि, यदि सास फोड़ दे तो वह मिट्टी का घड़ा है, यदि बहू फोड़ दे तो वह सोने का घड़ा है। एक राष्ट्र, एक चुनाव योजना भारत के लिए नया नहीं है। वर्ष 1952 से लेकर अगले 20 वर्ष तक पूरे देश में एक साथ चुनाव हाेते रहे हैं। तब से हर साल कहीं न कहीं चुनाव होते रहे हैं। इसे अवश्य समाप्त किया जाना चाहिए। पवन कल्याण ने कहा, कुछ लोग जानते होंगे कि मैं तमिलनाडु में पला-बढ़ा और बाद में उसे छोड़ दिया। मैंने छोड़ जरूर दिया हो सकता है, लेकिन तमिलनाडु ने मुझे कभी नहीं छोड़ा। मुझ पर इसका प्रभाव और छाप बहुत गहरी है। उन्हाेंने कहा कि हिंदी को थोपने, त्रिभाषा नीति और एक राष्ट्र, एक चुनाव के मुद्दे को लेकर कुछ चिंताएं हो सकती हैं। इसका समाधान किया जाना आवश्यक है। मैं किसी राष्ट्रीय पार्टी का सदस्य नहीं हूं, मैं आपकी तरह एक क्षेत्रीय पार्टी का सदस्य हूं। हमारी राय से जनता में एकरूपता आनी चाहिए। इसके विपरीत, इससे अस्थिरता पैदा नहीं होनी चाहिए।

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(Udaipur Kiran) / Dr. Vara Prasada Rao PV

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