Uttar Pradesh

कन्या सुमंगला योजना के लंबित आवेदनों का शीघ्र करें निस्तारण, नहीं तो होगी कार्यवाही: डीएम

प्रतीकात्मक

फिरोजाबाद, 17 मई (Udaipur Kiran) । कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बालिकाओं के कल्याण के लिए शुरू की गयी एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना सेे सम्बन्धित लम्बित आवेदनों का निस्तारण शीघ्र करायें, अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

यह निर्देश जिलाधिकारी रमेश रंजन ने शनिवार को उपजिलाधिकारियों एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को समीक्षात्मक बैठक में दिए।

उन्होंने कहा कि सरकार ने कन्या सुमंगला योजना निम्न उददेश्यों से संचालित की है, जिनमें कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना, समान लैंगिक अनुपात स्थापित करना, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकना, बालिकाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा को प्रोत्साहन देना, बालिकाओं को स्वाबलंवी बनाने मेें सहायता प्रदान करना, बालिका के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करना, इस योजना के तहत बालिकाओं को छः श्रेणियों में मदद पहुचाई जाती है।

प्रथम श्रेणी बालिका के जन्म पर 2000 रुपए, द्वितीय श्रेणी मेें बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीेकाकरण के उपरांत 1000 रुपए, जबकि तृतीय श्रेणी में कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरांत 2000 रुपए, कक्षा छः में बालिका के प्रवेश के दौरान 2000 रुपए, जबकि पंचम श्रेणी में कक्षा 9 में बालिका के प्रवेश के दौरान 3000 रुपए अंतिम श्रेणी में ऐसी बालिकाएं जिन्होंने कक्षा 12वी उत्तीर्ण करके स्नातक अथवा 2 वर्षीय या अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया है, में 5000 रुपए तक दिया जाता है।

इस महत्वपूर्ण योजना से ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचें इसके लिए जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारीयों एवं खण्ड विकास अधिकारियों को सख्त शब्दों मेें चेतावनी दी है, कि अपने यहां कन्या सुमंगला सेे सम्बन्धित लम्बित आवेदनों का निस्तारण शीघ्र करायें, अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

समीक्षा के दौरान यह पाया कि उपजिलाधिकारी के स्तर पर फिरोजाबाद और टूण्डला में सर्वाधिक आवेदन लम्बित है जबकि खण्ड विकास अधिकारी के स्तर पर शिकोहाबाद, एका और अरांव में सर्वाधिक आवेदन लम्बित है, जिलाधिकारी ने कठोर शब्दों में चेतावनी दी है, कि जो भी आवेदन उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी के स्तर पर लम्बित है, उनका निस्तारण शीघ्र कराऐं, जिससे इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा पात्र बालिकाओं तक पहुंच सकें और उनके शिक्षा व स्वास्थ्य में मदद पहुंच सके।

(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़

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कन्या सुमंगला योजना के लंबित आवेदनों का शीघ्र करें निस्तारण, नहीं तो होगी कार्यवाही: डीएम

प्रतीकात्मक

फिरोजाबाद, 17 मई (Udaipur Kiran) । कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बालिकाओं के कल्याण के लिए शुरू की गयी एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना सेे सम्बन्धित लम्बित आवेदनों का निस्तारण शीघ्र करायें, अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

यह निर्देश जिलाधिकारी रमेश रंजन ने शनिवार को उपजिलाधिकारियों एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को समीक्षात्मक बैठक में दिए।

उन्होंने कहा कि सरकार ने कन्या सुमंगला योजना निम्न उददेश्यों से संचालित की है, जिनमें कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना, समान लैंगिक अनुपात स्थापित करना, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकना, बालिकाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा को प्रोत्साहन देना, बालिकाओं को स्वाबलंवी बनाने मेें सहायता प्रदान करना, बालिका के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करना, इस योजना के तहत बालिकाओं को छः श्रेणियों में मदद पहुचाई जाती है।

प्रथम श्रेणी बालिका के जन्म पर 2000 रुपए, द्वितीय श्रेणी मेें बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीेकाकरण के उपरांत 1000 रुपए, जबकि तृतीय श्रेणी में कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरांत 2000 रुपए, कक्षा छः में बालिका के प्रवेश के दौरान 2000 रुपए, जबकि पंचम श्रेणी में कक्षा 9 में बालिका के प्रवेश के दौरान 3000 रुपए अंतिम श्रेणी में ऐसी बालिकाएं जिन्होंने कक्षा 12वी उत्तीर्ण करके स्नातक अथवा 2 वर्षीय या अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया है, में 5000 रुपए तक दिया जाता है।

इस महत्वपूर्ण योजना से ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचें इसके लिए जिलाधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारीयों एवं खण्ड विकास अधिकारियों को सख्त शब्दों मेें चेतावनी दी है, कि अपने यहां कन्या सुमंगला सेे सम्बन्धित लम्बित आवेदनों का निस्तारण शीघ्र करायें, अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

समीक्षा के दौरान यह पाया कि उपजिलाधिकारी के स्तर पर फिरोजाबाद और टूण्डला में सर्वाधिक आवेदन लम्बित है जबकि खण्ड विकास अधिकारी के स्तर पर शिकोहाबाद, एका और अरांव में सर्वाधिक आवेदन लम्बित है, जिलाधिकारी ने कठोर शब्दों में चेतावनी दी है, कि जो भी आवेदन उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी के स्तर पर लम्बित है, उनका निस्तारण शीघ्र कराऐं, जिससे इस योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा पात्र बालिकाओं तक पहुंच सकें और उनके शिक्षा व स्वास्थ्य में मदद पहुंच सके।

(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़

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