बिजनौर, 12 सितम्बर( हि.स.) | जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में सर्वेक्षण विभाग में किए गए कार्यों का विवरण एवं प्रगति की समीक्षा बैठक हुई। उन्होंने निर्देशित किया कि सर्वे कार्य करने से पहले 1359 फसली चेक करना सुनिश्चित करते हुए यह भी देखना सुनिश्चित करें कि कितनी जमीन गांव सभा की है और वह किस श्रेणी की है। उन्होंने निर्देश दिए कि 1359 के अंतर्गत भूमि का मिलान करना सुनिश्चित करें साथ ही यह देखना भी सुनिश्चित करें कि किस गांव की जमीन कितनी नदी में गई है या नदी से बाहर आई है। जांच कर सत्यापन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित किया कि पात्रता के हिसाब से रकबा पात्रों को मिलना चाहिए यह करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने सभी लेखपालों को निर्देशित किया कि जल्द से जल्द यह कार्य करना निश्चित करें और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने निर्देश दिए की सार्वजनिक भूमि पर कब्जा होना प्रकाश में आने पर उसको कब्जा मुक्त कराना सुनिश्चित करें और एक इंच जमीन भी अवैध कब्जा नहीं रहना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए की वन बंदोबस्त के अंतर्गत विभागीय सरकारी जमीनों का मिलान कर ले और यह भी सुनिश्चित कर लें की समस्त सार्वजनिक सम्पत्ति पूर्ण रूप से सुरक्षित हैं। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी नितिन तेवतिया,मांगेराम चौहान सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं लेखपाल मौजूद थे।
–कई वर्षों से हजारों बीघा जमीन पर अवैध कब्जा
–कब्जा हटाने के नाम पर मिटिंग में होती है औपचारिकता
गौरतलब है कि जनपद की नगीना तहसील में ही लगभग 60 हजार बीघा जमीन भूमाफियाओं के कब्जे में काफी लम्बे समय से होने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा कब्जा मुक्त नहीं कराई जा सकी है। जबकि जिला प्रशासन लम्बी जांच प्रक्रिया के बाद उक्त भूमि को सरकारी मानते हुए कब्जा मुक्त करने की बात कह चुका है। कई वर्षों के बावजूद उक्त भूमि कब्जा मुक्त नही कराई गई है। जिला प्रशासन मिटिंग की औपचारिकता कर शासन के आदेश को ठेंगा दिखाने का काम करता रहा है। इस मामले में समाजसेवी किशन चन्द ने हाईकोर्ट में रिट याचिका भी डाली थी। जिसमें कोर्ट ने जिला प्रशासन को जांच के आदेश जारी किये थे। जिसके बाद जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग से जांच कराई थी, जिसमें अवैध कब्जा स्वीकार किया गया था | कई डीएम चले गए पर इस अवैध कब्जे को आज तक नहीं हटाया गया है जो जिला प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है |
(Udaipur Kiran) / नरेन्द्र