-जिलाधिकारी सहित तीन अधिकारी हाईकोर्ट में हुए पेश
प्रयागराज, 03 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । करछना प्रयागराज में पावर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण मामले में जिलाधिकारी ने गुरुवार को हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इस पर न्यायालय ने उनको व्यक्तिगत हाजिरी से राहत देते हुए याची को जवाब दाखिल करने को कहा है।
इसके साथ ही अगली सुनवाई की तिथि 24 अक्टूबर नियत की है। कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी, विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी और अधिशासी अभियंता वितरण एवं सर्कुलेशन डिवीजन विद्युत विभाग प्रयागराज हाज़िर हुए थे। रामहित मिश्रा व 29 अन्य की अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय सुनवाई कर रहे हैं।
मामले के अनुसार बसपा शासनकाल (2007-12) में पावर प्लांट के लिए कचरी, कचरा, देवरी कला, गढ़वा कला, देहली, पनासा समेत कुल आठ गांव के 1300 किसानों की 2550 बीघा जमीन अधिग्रहीत की गई थी। पावर प्लांट लगाने की जिम्मेदारी जेपी समूह को दी गई। ज्यादातर प्रभावित किसानों को जमीन का भुगतान भी कर दिया गया। कुछ किसानों ने मुआवजा नहीं लिया। पावर प्लांट के भूमि पूजन के समय जेपी समूह के जेपी गौड़ व अन्य अधिकारियों से कुछ किसानों ने नौकरी व अन्य सुविधाओं की मांग की।
जेपी समूह के अधिकारियों ने प्राइवेट कम्पनी होने की बात कह कर नौकरी व अन्य सुविधाएं देने से इनकार कर दिया। 29 किसान अपनी मांगों को लेकर हाईकोर्ट चले गए। धरना प्रदर्शन भी चलने लगा। इससे प्लांट नहीं लग पाया। कुछ साल बाद सपा की सरकार बनी। उसने भी किसानों को मनाना चाहा लेकिन बात नहीं बनी। बलपूर्वक पावर प्लांट लगाने की तैयारी की गई। वर्ष 2011 में किसानों ने दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग जाम कर दिया। ट्रेनों का आवागमन 24 घंटे बाधित रहा। किसानों के लगातार प्रदर्शन को देखते हुए जेपी समूह ने पावर प्लांट लगाने से हाथ खींच लिया। कोर्ट गए किसानों की जमीन दूसरे ग्राम सभा में स्थानांतरित करने के मामले में आदेश का अनुपालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे