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कानपुर, 15 फरवरी (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार काे सरसौल स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया। इस दौरान उपस्थिति रजिस्टर जांचने पर तीन में से केवल दो ही डॉक्टर मिले। जबकि एक डॉक्टर नदारद रहीं। साथ ही डॉक्टर मौजूद होने के बावजूद स्वास्थ्य केंद्र में आये एक चार साल के बच्चे का फार्मासिस्ट द्वारा इलाज किया जा रहा था। यह देख डीएम कड़ी नाराजगी जाहिर की और नदारद डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह शासन की नीतियों का अनुपालन कराने हेतु लगातार सरकारी कार्यालयों का जायजा ले रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने सरसौल स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया। सर्वप्रथम उनके द्वारा उपस्थिति रजिस्टर जांचा गया जिसमें तीन में से दो डॉक्टर राशि और अनिल ही मौजूद मिले जबकि एक डॉक्टर अपर्णा नदारद रही। इस पर डीएम ने नदारद डाक्टर का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिया। इस दौरान एक चौका देने वाला मामला भी देखने को मिला जब स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवाने आये चार साल के बच्चे का फार्मासिस्ट अंजली द्वारा परीक्षण करने के साथ-साथ दवा भी दी गयी।
जबकि डॉक्टर राशि अपने बच्चे के साथ ड्यूटी करती नजर आईं। इस पर डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद डॉक्टरों का दायित्व होता है कि मरीजों का ठीक तरह से इलाज किया जाए लेकिन यहां पर तो डॉक्टर अपने बच्चे के साथ व्यस्त नजर आईं और फार्मासिस्ट इलाज करती पाई गईं। जिसकी सारी जिम्मेदारी सीएमओ और एडिशनल सीएमओ की होती है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
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