Uttar Pradesh

मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर डीएम सक्रिय

बाघ की दहशत पर सीएम के फरमान पर एक्शन में डीएम, जारी की एडवाइजरी

लखीमपुर खीरी, 2 सितंबर (Udaipur Kiran) । सीएम योगी के निर्देश के बाद मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को लेकर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल सक्रिय हो गईं और आनन-फानन में टीम बनाकर कॉम्बिंग एवं गांव-गांव में जाकर जन जागरूकता फैलाने के निर्देश दिये हैं।

पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के विभिन्न जिलों से आदमखोर भेड़िये या तेंदुए द्वारा हमले की सूचना आ रही है, वहीं लखीमपुर खीरी में बाग का आतंक देखने को मिल रहा है। उन्होंने इन घटनाओं को नियंत्रित करने, वन्यजीव को पकड़ने एवं आवश्यकतानुसार जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावित जिलों में प्रशासन, पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत, राजस्व विभाग द्वारा व्यापक जन जागरूकता पैदा करने एवं लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में भी बताने के आदेश दिए। बैठक के बाद वन मंत्री और संबंधित अधिकारी हरकत में आ गए।

वन मंत्री ने बहराइच, सीतापुर, पीलीभीत, बिजनौर सहित लखीमपुर-खीरी व अन्य जिलों में तत्काल वन विभाग के अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। साथ ही ज्वाइंट पेट्रोलिंग बढ़ाने का आदेश दिया। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों में कैंप करने, जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लाइट की समस्या हो, वहां पेट्रोमैक्स की व्यवस्था करने का आदेश दिया। उत्तर प्रदेश देशा का पहला राज्य है, जिसने मानव-वन्यजीव संघर्ष को आपदा घोषित किया है। इसके जरिये वन्य जीवों के हमले में घायल लोगों अथवा असमय काल-कवलित हुए लोगों के परिवारीजनों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

डीएम ने जारी किये जरूरी दिशा-निर्देश

डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्हाेंने कहा कि रेंज स्तर पर वन क्षेत्रों में गश्त के साथ जंगल से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में गश्त के लिए कार्ययोजना के अनुसार वनकर्मियों की टीम रोजाना गश्त करें, इसकी सूचना रजिस्टर पर अंकित करें। आरक्षित वन क्षेत्रों से लगे ग्रामों में मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए बैठकों का आयोजन किया जाए एवं वन्य जीवों से सावधानी बरतने के लिए ग्रामीणों को सजग किया जाए। ग्रामीणों को यह समझाया जाए कि वह अपने खेतों में कृषि कार्य के लिए समूहों में आवाज करते हुए जाएं, जिससे वन्यजीव रास्ते से हट जाएं। संवेदनशील क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। सार्वजनिक स्थलों पर (मन्दिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, स्कूल, स्थानीय बाजार, गन्ना क्रय केन्द्र, विकास खंड कार्यालय, तहसील) वन्यजीवों से सावधानी रखने से संबंधित होर्डिंग्स लगवाए जाएं। वन्यजीव प्रभावित क्षेत्रों में रास्ते के किनारे एवं सार्वजनिक स्थलों पर प्रचार-प्रसार के लिए पोस्टर चिपकाए जाएं। साथ ही ग्रामीणों में सतर्कता के लिए पम्पलेट्स बंटवाये जाएं। साथ ही उन्हाेंने स्थानीय वन कर्मियों को ग्राम प्रधानों से मोबाइल से संपर्क रखने के निर्देश दिए हैं।

(Udaipur Kiran) / देवनन्दन श्रीवास्तव

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