HEADLINES

रेलवे के संभागीय सुरक्षा आयुक्त आकर बताए कि क्यों ना उन्हें अवमानना के लिए दंडित किया जाए-हाईकोर्ट

हाईकोर्ट जयपुर

जयपुर, 10 मार्च (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद रेलवे सुरक्षा बल के कांस्टेबल को सभी परिलाभों के साथ पुन: सेवा में नहीं लेने को गंभीर माना है। इसके साथ ही अदालत ने पश्चिम-मध्य रेलवे के संभागीय सुरक्षा आयुक्त को 12 मार्च को अदालत में पेश होने को कहा है। अदालत ने संभागीय सुरक्षा आयुक्त को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि क्यों न अदालती आदेश की अवमानना करने पर उन्हें दंडित किया जाए। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश रणवीर सिंह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता इलियास खान ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता रेलवे सुरक्षा बल में कांस्टेबल के पद पर तैनात था। आरपीएफ ने उसे साल 2002 में उसे इस आधार पर बर्खास्त कर दिया कि वह रंग अंधता का बहाना लेकर अपनी ड्यूटी बदलवाना चाहता है। इस आदेश को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। अदालती आदेश पर गठित मेडिकल बोर्ड ने पाया कि याचिकाकर्ता वास्तव में रंग अंधता की बीमारी से ग्रसित है। इस पर अदालत ने 22 मार्च, 2024 को याचिकाकर्ता को बर्खास्त करने का आदेश रद्द करते हुए उसे समस्त परिलाभ के साथ पुन: सेवा में लेने के आदेश दिए। अदालती आदेश के साथ याचिकाकर्ता ने 6 अप्रैल, 2024 को अपना अभ्यावेदन भी विभाग में दे दिया, लेकिन उसे पुन: सेवा में नहीं लिया गया। याचिका में कहा गया कि पुन: सेवा में लेने के आदेश का इंतजार करते हुए याचिकाकर्ता गत 31 जुलाई को रिटायर भी हो गया। इसके बावजूद उसे बकाया परिलाभ भी नहीं दिए गए। ऐसे में दोषी अफसरों पर अदालती आदेश की अवमानना की कार्रवाई की जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने रेलवे सुरक्षा बल से संभागीय सुरक्षा आयुक्त को तलब कर शपथ पत्र पेश करने को कहा है।

—————

(Udaipur Kiran)

Most Popular

To Top