Madhya Pradesh

बाल संप्रेक्षण गृहों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रहे: संभाग आयुक्त खत्री

बाल संप्रेक्षण गृहों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रहे: संभाग आयुक्त खत्री

– संप्रेक्षण गृहों के सीसीटीव्ही कैमरे का एक्सेज जिला कार्यक्रम अधिकारी भी रखें

ग्वालियर, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । बाल संप्रेक्षण गृहों की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता हो। साथ ही संप्रेक्षण गृहों में लगे सीसीटीव्ही कैमरों का एक्सेज वहाँ के अधीक्षक सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी दिया जाए, जिससे बाल संप्रेक्षण गृहों की सतत निगरानी होती रहे। यह निर्देश मंगलवार को संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने वात्सल्य योजना की संभागीय समीक्षा बैठक में दिए।

पुलिस महानिरीक्षक अरविंद सक्सेना की मौजूदगी में आयुक्त कार्यालय के सभागार में आयोजित हुई बैठक में संभाग आयुक्त खत्री ने कहा कि बाल संप्रेक्षण गृहों में पदस्थ सभी कर्मचारियों की एसओपी के अनुसार पुलिस के साथ ट्रेनिंग भी करवाएँ, जिससे ये कर्मचारी सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान रखकर संप्रेक्षण गृह के बच्चों की देखभाल कर सकें। बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान व प्रभारी पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सगर, संभागीय संयुक्त संचालक महिला बाल विकास सीमा शर्मा एवं महिला बाल विकास विभाग के सभी जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों सहित संभाग के विभिन्न जिलों के अपर कलेक्टर तथा स्वास्थ्य, श्रम, खेल व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

संभाग आयुक्त खत्री ने निर्देश दिए कि बाल संप्रेक्षण गृहों एवं पोषण पुनर्वास केन्द्रों (एनआरसी) के निरीक्षण के लिए सभी जिलों के अधिकारी यूआरएल तैयार करें और निरीक्षण के बाद इस पर जानकारी फीड करें। उन्होंने संभागीय संयुक्त संचालक महिला बाल विकास को अंतरविभागीय समन्वय बैठक में सभी जिलों के अधिकारियों द्वारा यूआरएल पर भरी गई जानकारी की हार्डकॉपी लेकर आने के निर्देश दिए।

एनआरसी की क्षमताओं का पूरा उपयोग करने पर संभाग आयुक्त खत्री ने विशेष जोर दिया। उन्होंने संभाग के सभी जिलों में संचालित एनआरसी की क्षमताओं व वहाँ भर्ती किए जा रहे बच्चों की जानकारी मांगी है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कम वजन के बच्चों में पोषण सुधार के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों में ढ़िलाई पाए जाने पर गुना व ग्वालियर जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

पुलिस महानिरीक्षक अरविंद सक्सेना ने कहा कि बाल संप्रेक्षण गृहों में पदस्थ स्टाफ का आचार व्यवहार बच्चों के प्रति संवेदनशील रहे। साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि कोई भी कर्मचारी किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहे। संप्रेक्षण गृहों का संचालन किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों का पूर्णत: पालन करते हुए किया जाए।

भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान के तहत चिन्हित बच्चों का लगातार फोलोअप हो

संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने निर्देश दिए कि संभाग के सभी जिलों में बाल भिक्षावृति उन्मूलन अभियान के तहत चिन्हित बच्चों का लगातार फोलोअप किया जाए। इस कार्य में स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग भी लिया जा सकता है। प्रयास ऐसे हों कि चिन्हित कोई भी बच्चा दोबारा भिक्षावृत्ति की ओर न लौटने पाए। इसके लिए चिन्हित बच्चों की शिक्षा सहित उनका समग्र पुनर्वास सरकार की योजनाओं के तहत कराएँ।

बैठक में संभाग आयुक्त ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासन के दिशा-निर्देशों के तहत सभी विभाग वात्सल्य योजना के क्रियान्वयन में सहयोग करें। उन्होंने विभिन्न विभागों के इस पुनर्वास कार्य में निर्धारित दायित्वों के बारे में विभागवार लिखित जानकारी मांगी है। साथ ही संभागीय संयुक्त संचालक महिला बाल विकास को निर्देश दिए कि इनकी ओर से सभी संबंधित विभागों के संभाग व जिला स्तरीय अधिकारियों को इस संबंध में सहयोग के लिये लेटर जारी कराएँ।

(Udaipur Kiran) तोमर

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