चित्तौड़गढ़, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । जिला मुख्यालय पर राशन की दुकान के आवंटन के मामले में तत्कालीन जिला रसद अधिकारी सुनील कुमार घोडेला एवं प्रवर्तन निरीक्षक पिंकी स्वर्णकार का गड़बड़झाला सामने आया है। इस्तीफे वाली राशन की दुकान को तीन साल बाद अवकाश प्रकरण बताकर पुनः आवंटन कर दिया। इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत दी गई है। खास बात यह है कि इस्तीफा स्वीकार करने तथा अवकाश प्रकरण मान पुनः राशन की दुकान आवंटन करने में एक ही प्रवर्तन निरीक्षक के हस्ताक्षर है।
जानकारी में सामने है कि चित्तौड़गढ़ निवासी राहुल पंचोली ने एक शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर के उपमहानिरीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल को दी है। इसमें बताया कि शहर के वार्ड संख्या 31 (पोस मशीन कोड 24005) की उचित मूल्य दुकानदार दुर्गावती ने 26 फरवरी 2020 को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद तत्कालिक डीएसओ बिजल सुराणा ने आदेश देकर वैकल्पिक व्यवस्था अयाज खान को करने के लिए प्रवर्तन निरीक्षक पिंकी स्वर्णकार को निर्देशित किया। डीएसओ के आदेश की पालना में प्रवर्तन निरीक्षक पिंकी स्वर्णकार ने उसी दिन राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था हस्तांतरण की कार्यवाही राशन डीलर अयाज खान को की। इसके बाद तत्कालीन जिला कलक्टर ने इस दुकान को निरस्त माना। जिला कलक्टर ने 29 जुलाई 2020 एवं तत्कालीन जिला रसद अधिकारी विनय कुमार शर्मा ने 29 नवंबर 2021 को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत जिले में उचित मूल्य की रिक्त/अतिरिक्त दुकानों के आवंटन को लेकर आवेदन मांगे थे। इन दोनों विज्ञप्ति में उक्त उचित मूल्य दुकान वार्ड संख्या 31 रिक्त होना बताया था। इसी दौरान अतिरिक्त खाद्य आयुक्त, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग जयपुर ने उचित मूल्य की रिक्त एवं अटैच दुकानों की सूचना मांगी थी। इसमें भी उक्त उचित मूल्य दुकान के रिक्त होने के कारण में दुकानदार के त्याग पत्र देना स्पष्ट रूप से लिखा है। वहीं 27 जनवरी 2023 में जिले में रिक्त/अतिरिक्त उचित मूल्य दुकान के आवंटन के लिए आवेदन करने के लिये विज्ञप्ति निकाली। इसमें उक्त उचित मूल्य दुकान का कहीं भी हवाला नहीं है। इसमें प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि उक्त रिक्त दुकान को नियमानुसार प्रक्रिया का पालन करते हुए नया प्राधिकार पत्र जारी कर दिया है। लेकिन तत्कालीन जिला रसद अधिकारी सुनील कुमार घोडेला ने 30 जनवरी 2023 को उक्त दुकान पुनः आवंटित कर दी। इसमें बताया कि उचित मूल्य दुकानदार दुर्गावती का स्वास्थ्य खराब होने से अवकाश पर थी। इन्होंने 9 जनवरी को आवेदन कर निवदेन किया गया कि अब उसका स्वास्थ्य ठीक है तथा कार्य करने की इच्छुक है। इस आदेश में जिला रसद अधिकारी ने यह भी लिखा कि इस बारे में प्रवर्तन निरीक्षक की रिपोर्ट ली।
साक्षात्कार किए ना ही डीएम को भेजी पत्रावली
एसीबी को की शिकायत में बताया कि विज्ञप्ति में अगर किसी उचित मूल्य की दुकान को रिक्त मान आवेदन मांगे हैं तो आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अनुसार आवंटन सलाहकार समिति से आवेदकों के साक्षात्कार होते हैं। इसके साक्षात्कार के बाद बहुमत से आवेदक का चयन किया जाता है इनकी सूची जिला रसद अधिकारी के द्वारा जिला कलेक्टर को भेजी जाती है। जिला कलक्टर के अनुमोदन के बाद ही चयनित आवेदक को राशन की दुकान का प्राधिकार पत्र जारी होता है। वहीं इस मामले में जिला कलक्टर को आवेदकों की सूची ही अनुमोदन के लिए पेश नहीं की। ना ही किसी के साक्षात्कार हुए। डीएसओ ने अपने स्तर पर ही आवंटन कर दिया।
(Udaipur Kiran) / अखिल तिवारी