
हिसार, 24 मई (Udaipur Kiran) । जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा समाज के विशेष वर्गों को न्याय प्रणाली से जोड़ने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए, एलएसयूएम तथा एलएसयूसी के सदस्यों की बैठक का आयोजन शनिवार काे एडीआर केंद्र में किया गया। इस बैठक का आयोजन जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरपर्सन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश आराधना साहनी के दिशा-निर्देशन में तथा सीजेएम-कम-सचिव अशोक कुमार की अध्यक्षता में किया गया। बैठक का उद्देश्य दोनों इकाइयों की भूमिका, कार्यप्रणाली और लक्ष्य तय करना था।सीजेएम अशोक कुमार ने शनिवार को बताया कि ये दोनों इकाइयाँ बाल-अनुकूल कानूनी सेवाएं योजना–2024 के तहत गठित की गई हैं, जिनका लक्ष्य मानसिक, बौद्धिक रूप से अक्षम व्यक्तियों तथा बच्चों को न्याय दिलाना है। सीजेएम अशोक कुमार ने बताया कि एलएसयूएम का गठन विशेष रूप से उन व्यक्तियों की सहायता के लिए किया गया है जो मानसिक बीमारी या बौद्धिक अक्षमता से पीड़ित हैं। अक्सर देखा गया है कि ऐसे लोग न्याय तक पहुँच नहीं पाते या अपनी बात ठीक से नहीं रख पाते।एलएसयूएम इकाई इन लोगों को न्याय दिलाने के लिए एक संवेदनशील, समर्पित और प्रशिक्षित टीम के साथ कार्य करेगी। इसमें विशेषज्ञ अधिवक्ता, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता व परामर्शदाता शामिल किए गए हैं, जो उनके मामलों को गंभीरता से समझते हुए आगे बढ़ाएंगे। इसके अलावा, एलएसयूएम के माध्यम से समाज को भी जागरूक किया जाएगा कि ऐसे व्यक्तियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए और कैसे उन्हें मुख्यधारा में लाया जाए।बैठक में सीजेएम अशोक कुमार ने बताया कि एलएसयूसी का गठन बाल अधिकारों की रक्षा के लिए किया गया है। इस इकाई का उद्देश्य बच्चों को बाल-अनुकूल वातावरण में कानूनी सहायता प्रदान करना है। बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराध जैसे बाल उत्पीड़न, बाल श्रम, बाल विवाह, बाल शोषण आदि मामलों में एलएसयूसी प्रभावी भूमिका निभाएगा। यह इकाई बच्चों को न सिर्फ कानूनी जानकारी व सहायता देगी बल्कि उनके माता-पिता व शिक्षकों को भी जागरूक करेगी। उन्होंने बताया कि एलएसयूसी के सदस्य स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, किशोर ग्रहों, और बाल सुधार गृहों में नियमित दौरे कर समस्याओं को चिन्हित करेंगे। साथ ही पीड़ित बच्चों के लिए समुचित परामर्श व पुनर्वास की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
