
मंडी, 28 मई (Udaipur Kiran) । दक्षिण-पश्चिम मानसून 2025 की संभावित परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जिला मंडी में आज जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए ) की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त मंडी एवं प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने की। बैठक में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी, उपमंडल अधिकारी, पुलिस, स्वास्थ्य, जल शक्ति, लोक निर्माण, नगर निकाय, विद्युत बोर्ड, शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
उपायुक्त ने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए ताकि संभावित आपदा की स्थिति में शीघ्र, समुचित एवं समन्वित प्रतिक्रिया दी जा सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क और तैयार है। उपायुक्त ने बताया कि मानसून के दौरान जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु अर्ली वार्निंग सिस्टम को सुदृढ़ किया जाएगा। साथ ही बिजली, पानी एवं सड़कों की स्थिति की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से समय पर जनता तक पहुंचाई जाएगी।
उन्होंने रेड अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट की स्थिति में विशेष सावधानी बरतने तथा मशीनरी और मानव बल की तैनाती पहले से करने के निर्देश दिए। बैठक में एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग को एनएच-21 कीरतपुर-मनाली, एनएच-70 हमीरपुर-मंडी, एनएच-154 सहित अन्य मुख्य सड़कों को मानसून के दौरान 24 घंटे खुला रखने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं समय रहते पूरी करने को कहा गया।
एनएचएआई अधिकारियों ने बताया कि बरसात के दौरान 9 मील और 6 मील पर मशीनरी तैनात रहेगी तथा मंडी-धर्मपुर मार्ग पर आपात स्थिति में आधे घंटे के भीतर मशीनरी मौके पर पहुंच जाएगी। अधिकारियों ने इस दौरान बताया कि इस मार्ग पर किसी भी मकान के लिए मानसून से पहले डंगा लगाने की तत्कालिक आवश्यकता है तो मकान मालिक वह डंगा खुद लगा सकता है। इसके लिए मटेरियल और लेबर चार्ज नियमानुसार एनएचएआई द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि बरसात में एनएचएआई का पूरा ध्यान सड़क निर्माण का न होकर सुरक्षा पर रहेगा। लोक निर्माण विभाग और एनएचएआई को सड़कों की नालियों और डंपिंग साइट्स की सफाई मानसून से पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए गए ताकि जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो।
डैम प्रबंधन पानी छोड़ने की सूचना समय पर दे
पंडोह और लारजी डैम के अधिकारियों को मानसून से पूर्व जलाशयों में जमा गाद की सफाई करने और बादल फटने की स्थिति में पानी को कुछ समय के लिए रोककर नीचे रहने वाले लोगों को सतर्क करने के निर्देश दिए गए। पिछले अनुभवों के आधार पर संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर वहां आवश्यक संसाधनों एवं मशीनरी की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। सभी उपमंडल अधिकारियों को ऐसे क्षेत्रों की सूची शीघ्र तैयार कर साझा करने को कहा गया। जिले के सभी उपमंडलों में नियंत्रण कक्ष 1 जुलाई से 24 घंटे कार्यशील रहेंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति में शीघ्रता से कार्रवाई की जा सके।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
