जम्मू, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । उपायुक्त रामबन बसीर-उल-हक चौधरी ने जिले में सहकारी समितियों की प्रगति और विकास पर चर्चा करने के लिए जिला सहकारी विकास समिति की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सहकारी समितियों को मजबूत करने की योजना के कार्यान्वयन के लिए माननीय प्रधान मंत्री द्वारा परिकल्पित “सहकार-से-समृद्धि“ दृष्टिकोण के तहत स्थापित बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों की प्रगति की भी समीक्षा की।
बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान जिले में स्थापित होने वाले 4 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लक्ष्य में से दो की डीपीआर पूरी हो चुकी है और शेष दो की डीपीआर प्रक्रियाधीन है। यह पता चला कि जिले में 5 पीएम किसान समृद्धि केंद्र, 2 पीएम जन औषधि केंद्र, 1 एफपीओ और 81 विभिन्न प्रकार की सहकारी समितियां सक्रिय हैं। बैठक में कृषि, उपभोक्ता और ऋण सहकारी समितियों सहित विभिन्न सहकारी समितियों के प्रदर्शन पर विस्तार से चर्चा की गई और उनकी सेवाओं को मजबूत करने और विस्तार करने के तरीकों पर गहन चर्चा की गई। डीसी ने आर्थिक विकास, आत्मनिर्भरता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने अधिकारियों को चल रही परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और लोगों के लाभ के लिए नए अवसर तलाशने का निर्देश दिया। डिप्टी रजिस्ट्रार से सहकारी समितियों के उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री के लिए रामबन जिले के अधिकार क्षेत्र के भीतर एनएच-44 पर ग्रामीण हाट की स्थापना की प्रक्रिया करने को कहा। उन्होंने विभाग से कृषि और संबद्ध विभागों के सहयोग से जिले भर में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का आग्रह किया। उन्होंने डिप्टी रजिस्ट्रार को मामले को उठाने और विश्व की सबसे बड़ी खाद्यान्न भंडारण योजना के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए आवश्यक भूमि के समय पर आवंटन के लिए सक्रिय रूप से संवाद करने का निर्देश दिया।
बैठक में अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त, महाप्रबंधक डीआईसी, सहायक आयुक्त पंचायत, मुख्य योजना अधिकारी, एडी एफसीएस-सीए, डिप्टी रजिस्ट्रार सहकारी समितियाँ, सीएमओ, एलडीएम, डीडीएम नाबार्ड, क्षेत्र विपणन अधिकारी एचपी एंड एम, मत्स्य पालन, कृषि, बागवानी, सीएससी के प्रतिनिधि एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा / बलवान सिंह