अजमेर, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) । अजमेर जिला बार एसोसिएशन में प्रजातंत्र कायम रखने के लिए बार के अनेक सदस्य मंगलवार से भूख हड़ताल पर चले गए। बार के इन सदस्यों का आरोप है कि वर्तमान अध्यक्ष डॉ चंद्रभान सिंह राठौड़ अपनी हठधर्मिता के कारण बार के चुनाव नहीं कराना चाहते। बार का ऐसा कोई संविधान नहीं है जिसके तहत चयनित बार एसोसिएशन दो साल तक बिना चुनाव में गए सक्रिय रह सकती है। विगत वर्ष राजस्थान में 13 दिसंबर को राज्य के सभी जिला बार एसोसिएशन के चुनाव एक ही दिन कराए जाने के निर्णय को माना गया था। इसके तहत उस वर्ष में जो भी बार एसोसिएशन कार्यरत थी वे भी चुनाव में चली गई थीं।
अजमेर जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र राठौड़ उन चुनिंदा बार एसोसिएशन के अध्यक्षों में शामिल हैं जिन्हें अध्यक्ष निर्वाचित होने के कुछ माह बाद ही गत वर्ष दोबारा इलेक्शन में जाना पड़ा था और फिर वे दोबारा चुन कर नहीं आ सके। अजमेर जिला बार एसोसिएशन के ऐसे ही पूर्व अध्यक्ष राजेश टण्डन और नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने मिल कर वर्तमान में सक्रिय डॉ चंद्रभान सिंह राठौड़ के नेतृत्व वाली बार एसोसिएशन को चुनौती देते हुए बार एसोसिएशन के इलेक्शन कराए जाने की मांग की थी। जिसे बार एसोसिएशन ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा कार्यकारिणी ही दो साल तक यथावत रखी जा सकती है लिहाजा अजमेर जिला बार एसोसिएशन 13 दिसम्बर को वन स्टेट, वन डेट चुनाव में नहीं जा रही है।
इस बात से संतुष्ट और असंतुष्ट एडवोकेट दो गुटों में बंट गए एवं जिला बार एसोसिएशन में घमासान हो गया। आरोप है कि ऐसा कोई संविधान ही नहीं है। यह कब तय हुआ यह भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। एक ही निर्वाचित कार्यकारिणी दो साल तक स्थाई रह सकती है? तो फिर राज्य में अन्य जिला बार एसोसिएशन भी इसी मार्ग पर चल पड़ेंगी। इस विचार से बार के सदस्य जितेन्द्र खेतावत व अन्य असंतुष्ट बार सदस्यों ने बार एसोसिएशन को बाकायदा पत्र देकर इलेक्शन से संबंधित प्रक्रिया समय रहते शुरू करने का आग्रह किया था जिसे बार एसोसिएशन ने ठुकरा दिया साथ ही मीडिया में बार की अंदरूनी बातें भ्रामक प्रचार के साथ जारी करने के आरोप में पूर्व बार अध्यक्ष राजेश टंडन और नरेंद्र राठौड़ का बार से निलंबित कर दिया। बहरहाल अजमेर जिला बार एसोसिएशन में दो फाड़ होने के साथ घमासान होता साफ नजर आ रहा है।
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(Udaipur Kiran) / संतोष