देहरादून, 20 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । इंडियन नेशनल ग्रुप के इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ब्रिज एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग (आईएनजी-आईएबीएसई), सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार व लोक निर्माण विभाग उत्तराखंड के संयुक्त तत्वाधान में हरिद्वार बाईपास रोड देहरादून स्थित एक सभागार में आयोजित इस्पात पुलों का डिजाइन, निर्माण और रख-रखाव विषयक दो दिवसीय कार्यशाला के समापन पर रविवार को सेतु विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए।
वी. सदाशिवम ने बो स्ट्रिंग पुल; निर्माण चुनौतियां विषय पर, स्पेक्ट्रम टेक्नो कंसल्टेंट के प्रबंध निदेशक यूके राजशिर्के ने स्टील ब्रिज की डिजाइन चुनौती विषय पर, डॉ. सुमात्रा सेनगुप्ता एवं जतिन सिंगला ने पुराने स्टील पुल की मरम्मत एवं पुनर्वास विषय पर, सीएसआईआर डॉ. जीके साहू ने स्टील ब्रिज का निरीक्षण, रखरखाव एवं एसएचएम विषय पर, एमवी जाटकर ने स्टील एवं कम्पोजिट ब्रिज डेक का निर्माण विषय पर, आलोक भौमिक ने मॉड्यूलर पुल विषय पर, वीएन हेगड़े ने निर्माण के दौरान बोस्ट्रिंग ग्रिडर ब्रिज की फोरेंसिक जांच डीएच केस स्टडी विषय पर तथा अतुल डी. भोबे ने उत्तराखंड में वन क्षेत्र के माध्यम से रैखिक बुनियादी ढांचा विषय पर व्याख्यान दिया। कार्यशाला के समापन पर इस्पात पुलों के डिजाइन और निर्माण की गुणवत्ता पर सभी व्याख्यान दाताओं एवं प्रतिभागियों के मध्य पैनल चर्चा हुई।
कार्यशाला में आईएनजी-आईएबीएसई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सुबाराव, सड़क विकास महानिदेशक डी. सारंगी, मुख्य अभियन्ता क्षेत्रीय अधिकारी मॉर्थ दीपक शर्मा, राहुल गुप्ता, अधीक्षण अभियन्ता मॉर्थ पूरण सिंह, आईएनजी-आईएबीएसई सचिव वीके सिन्हा, आईआरसी के भूतपूर्व चेयरमैन पीवीएसएस रवि प्रसाद, विशाल गुप्ता, उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष डीके यादव, मुख्य अभियन्ता राष्ट्रीय राजमार्ग लोनिवि उत्तराखंड दयानंद, मुख्य अभियन्ता (मुख्यालय) ओमप्रकाश एवं अधीक्षण अभियन्ता राष्ट्रीय राजमार्ग लोनिवि उत्तराखंड रणजीत सिंह सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों एवं उत्तराखंड लोनिवि के विभिन्न जनपदों से आए अभियन्ताओं ने प्रतिभाग किया।
आगामी 21 अक्टूबर को सुबह नौ बजे विशेषज्ञों, अधिकारियों एवं प्रतिभागी एनएचएआई के अन्तर्गत निर्माणाधीन दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के गणेशपुरम से आशारोड़ी के मध्य ऐलीवेटेड कॉरिडोर का तकनीकी भ्रमण करेंगे।।
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(Udaipur Kiran) / कमलेश्वर शरण