
सीजेएम ने दिया जागरूकता बढ़ाने पर जोर
हिसार, 17 मई (Udaipur Kiran) । जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की चेयरपर्सन एवं जिला
एवं सत्र न्यायाधीश अनुराधा साहनी के निर्देशानुसार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी-कम-सचिव
अशोक कुमार की अध्यक्षता में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 के
तहत गठित आंतरिक शिकायत समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्देश्य कार्यस्थल
पर महिलाओं को सुरक्षित, सम्मानजनक और भेदभाव रहित वातावरण सुनिश्चित करना था। बैठक
में समिति की भूमिका, कार्यप्रणाली और अब तक की गतिविधियों की समीक्षा की गई।
सीजेएम अशोक कुमार ने शनिवार काे कहा कि महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा सर्वोपरि है और हर
संस्थान का कर्तव्य है कि वह पोश अधिनियम के प्रावधानों का ईमानदारी से पालन करे। उन्होंने
यह भी कहा कि ऐसी बैठकों से न केवल शिकायतों का समाधान होता है, बल्कि कर्मचारियों
में जागरूकता भी बढ़ती है। समिति ने दोहराया कि किसी भी शिकायत की गोपनीयता सर्वोच्च
प्राथमिकता होगी और पीड़िता को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। कार्यालय
परिसर में कोई भी पीड़ित महिला आसानी से संपर्क कर सकती है।
समिति की बैठक में पिछली
बैठक की समीक्षा व भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई। सीजेएम अशोक कुमार ने कहा कि यह समिति केवल शिकायत सुनने के लिए नहीं, बल्कि
कार्यस्थल की संस्कृति को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम चाहते हैं
कि हर महिला बेझिझक अपनी बात रख सके और उन्हें पूरा न्याय मिले। बैठक में मौजूद सदस्यों
ने पोश अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया और
सभी कर्मचारियों से अपील की कि वे कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा को बनाए रखने में
सहयोग करें। इस अवसर पर समिति के सदस्य, महिला कर्मचारी, न्याय रक्षक, न्याय मित्र
व अन्य कार्यालय कर्मचारी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
