गुवाहाटी, 19 फरवरी (Udaipur Kiran) । असम विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन बुधवार को भूटान में निर्माणाधीन पनबिजली परियोजनाओं के प्रभावों को लेकर चर्चा की गई। प्रतिपक्ष के नेता कांग्रेस विधायक देवव्रत सैकिया ने एक लिखित प्रश्न में जल संसाधन मंत्री से इन परियोजनाओं का असम पर पड़ने वाले प्रभावों, संभावित बाढ़ और नदी कटाव के मुद्दे पर सरकार की स्थिति को स्पष्ट करने की मांग की।
लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि विभाग भूटान में चल रही पनबिजली परियोजनाओं से अवगत नहीं है। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि कुरीशु पनबिजली परियोजना से निकलने वाले पानी के कारण बेक़ी नदी के जरिए बाक्सा और बरपेटा जिलों में बाढ़ और कटाव की समस्या बनी हुई है। इसे रोकने के लिए विश्व बैंक की सहायता से परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
मंत्री ने बताया है कि असम सरकार ने बाढ़ को राष्ट्रीय समस्या घोषित करने की मांग केंद्र से की है। 2012 में विधानसभा में इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा गया था। साथ ही, केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में जल संसाधन प्रबंधन के लिए नॉर्थ ईस्टर्न वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनईडब्ल्यूएमए) बनाने का प्रस्ताव रखा है।
मंत्री ने यह भी बताया कि बाढ़ और कटाव रोकने के लिए राज्य में विश्व बैंक, एडीबी और केंद्र सरकार की सहायता से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके अलावा, सीमावर्ती इलाकों में विशेष योजनाओं के तहत जलप्रलय से बचाव के प्रयास जारी हैं।
मंत्री ने बताया है कि केंद्र सरकार असम की बाढ़ की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। नई जलाशय परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है, जिससे बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
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