Uttrakhand

ज्योर्तिमठ में जल्द स्थापित हाेगा आपदा पुर्नवास कार्यालय, आपदा सचिव विनाेद बाेले- मानव जीवन की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि

ज्योतिर्मठ में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से बातचीत करते हुए।

– सीवरेज, ड्रेनेज, नाली सुधारीकरण और प्रोटेक्शन कार्यों के लिए भारत सरकार काे भेजेंगे डीपीआर

– गढ़वाल आयुक्त एवं आपदा प्रबंधन सचिव ने ज्योतिर्मठ की समस्याओं को लेकर की वार्ता

– नगर की समस्याओं का जल्द निराकरण करने के लिए किया आश्वस्त

गोपेश्वर, 08 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय और आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने मंगलवार को ज्योतिर्मठ पहुंचकर ज्योतिर्मठ मूल निवासी स्वाभिमान संगठन एवं ज्योतिर्मठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने आश्वस्त किया कि नगर की समस्याओं का जल्द निराकरण किया जाएगा।

गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि ज्योतिर्मठ को सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कार्य कर रही है। ज्योतिर्मठ में आपदा पुर्नवास कार्यालय स्थापित करने की मांग पर गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर आपदा पुर्नवास कार्यालय स्थापित किया जाएगा। साथ ही एक तहसीलदार, एक रजिस्ट्रार कानूनगो तथा दो अभियंताओं की तैनाती करने के आदेश दिए।

गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि ज्योतिर्मठ सीवरेज, ड्रेनेज, नाली सुधारीकरण और प्रोटेक्शन कार्यों के लिए डीपीआर बनाने का काम लगभग पूरा हो गया है। आईआईटी रुड़की से परीक्षण करने के बाद डीपीआर इसी महीने भारत सरकार को भेजी जाएगी। विष्णु प्रयाग में अलकनंदा और धौलीगंगा के तटों पर टो-प्रोटेक्शन के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।

उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के विस्थापन के लिए बमोथ, गौचर भूमि चिह्नित की गई थी, लेकिन विस्थापितों ने वहां विस्थापित होने को लेकर असहमति जताई है। ऐसे में ज्योतिर्मठ के आसपास ही प्रभावितों के विस्थापन के लिए सुरक्षित भूमि तलाशी जा रही है। उन्होंने एसडीएम ज्योतिर्मठ को निर्देश दिए कि औली के पास फल संरक्षण की 500 नाली भूमि का भू-गर्भीय सर्वेक्षण कराकर प्रभावितों के विस्थापन की योजना की तैयारी की जाए। सुरक्षित स्थान पर भूमि चयनित करें और उसका प्रस्ताव दें।

आपदा सचिव ने कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है। ज्योतिर्मठ को शत-प्रतिशत सुरक्षित बनाने के लिए पुनर्निर्माण कार्यों की डीपीआर तैयार हो चुकी है। सीवरेज, ड्रेनेज तथा नाली निर्माण कार्य पूरे होने पर ज्योतिर्मठ पूर्णतया सुरक्षित बनाया जाएगा। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मूल निवास स्वाभिमान संगठन की समस्या के निराकरण के लिए रविग्राम में एसटीपी का कार्य शुरू कर दिया गया है। लिकेज, सीवरेज और पेयजल ट्रीटमेंट के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। विष्णु प्रयाग से ऐरा पुल तक अलकनंदा और धौलीगंगा के किनारे सुरक्षा कार्य की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल

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