शिमला, 07 मार्च (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा आपदा मित्र योजना के तहत सामुदायिक स्तर पर त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र विकसित किया जा रहा है। विशेष सचिव (राजस्व) डी.सी. राणा ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के प्रथम चरण में प्रदेश के नौ जिलों में 1500 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया है। इन युवाओं को विभिन्न आपदा परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए प्रशिक्षित किया गया है, जिससे वे संकट की घड़ी में स्थानीय स्तर पर राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें।
उन्होंने कहा कि आपदा मित्र योजना के पहले चरण के तहत कांगड़ा जिला में 300, चंबा, सोलन, ऊना, शिमला में 200-200, हमीरपुर, किन्नौर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति में 100-100 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
विशेष सचिव ने बताया कि अब योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की जा रही है, जिसके तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बीच एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है।
दूसरे चरण में 4070 स्वयंसेवकों को मिलेगा प्रशिक्षण
इस पहल के तहत प्रदेश के नौ जिलों में 4070 युवा स्वयंसेवकों को सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय कैडेट कोर राष्ट्रीय सेवा योजना , नेहरू युवा केंद्र संगठन और भारत स्काउट एंड गाइड्स के सहयोग से चलाया जाएगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत एनसीसी से 1500 स्वयंसेवक, एनएसएस से 750 स्वयंसेवक, एनवाईकेएस से 750 स्वयंसेवक औऱ बीएसएंडजी से 1070 स्वयंसेवक को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान सभी स्वयंसेवकों को आपातकालीन प्रतिक्रिया किट प्रदान की जाएगी और तीन वर्षों के लिए जीवन एवं चिकित्सा बीमा की सुविधा भी दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण एटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड अलाइड स्पोर्ट्स और होमगार्ड एंड सिविल डिफेंस प्रशिक्षण केंद्रों में दिया जाएगा। इसके अलावा, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाएगा।
हिमाचल के 20 स्वयंसेवक बनेंगे मास्टर ट्रेनर
डी.सी. राणा ने बताया कि आपदा मित्र योजना के तहत प्रदेश के 20 स्वयंसेवकों को केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान, कोट बल्लभ (जम्मू) में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण 20 मार्च, 2025 तक चलेगा। प्रशिक्षित स्वयंसेवक मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे और आगे अन्य युवाओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देने में मदद करेंगे। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अब तक 24,500 स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
