
जयपुर, 28 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हर वर्ष मानसून के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़, जलभराव, नहर और बांध टूटने जैसी आपदाएं सामने आती हैं, जिससे जनजीवन और संसाधनों को भारी क्षति होती है। यदि समय रहते प्रभावी तैयारियां की जाएं, तो इन घटनाओं से होने वाला नुकसान काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से केंद्रीय गृह मंत्रालय का आपदा प्रबंधन प्रभाग आठ व नाै मई को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में वार्षिक सम्मेलन आयोजित करेगा।
सम्मेलन में देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आपदा प्रबंधन तैयारियों की गहन समीक्षा की जाएगी। बाढ़, भूस्खलन, जलभराव जैसी मानसून आपदाओं से निपटने के लिए पहले से तैयार योजनाओं और संसाधनों की उपलब्धता पर चर्चा होगी। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य मानसून पूर्व व्यापक रणनीति बनाकर आपदा के समय त्वरित एवं प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना है।
राज्य के आपदा प्रबंधन, राहत और नागरिक सुरक्षा विभाग ने इस सम्मेलन की तैयारी के तहत सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को शीघ्र बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही इंडिया डिजास्टर रिस्पॉन्स नेटवर्क पोर्टल पर संसाधन संबंधी डेटा को अद्यतन करने और जिला आपदा प्रबंधन योजना तैयार रखने को कहा गया है। आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण उपकरण
आईडीआरएन (इंडिया डिजास्टर रिस्पॉन्स नेटवर्क) एक डिजिटल मंच है, जो आपदा की स्थिति में आवश्यक मानवीय संसाधनों और उपकरणों की उपलब्धता तथा उनकी त्वरित आपूर्ति के साधनों को सुनिश्चित करता है। उदाहरण के तौर पर, किसी जिले में बाढ़ जैसी आपदा आने पर पोर्टल से यह जानकारी मिल सकेगी कि वहां या आस-पास के जिलों में नावें, नाविक, मिट्टी के कट्टे, ट्रैक्टर, रसद सामग्री, शुद्ध पेयजल आदि कहाँ और किससे संपर्क कर तुरंत उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
सम्मेलन में राज्यों द्वारा अपनाई गई सफल रणनीतियों और नवीन पहल का आदान-प्रदान भी किया जाएगा, ताकि सभी क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन क्षमता को सुदृढ़ किया जा सके।
सम्मेलन मानसून से पहले आपदा प्रबंधन तंत्र को सजग और सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। केंद्रीय गृह मंत्रालय का उद्देश्य देशभर में आपदा प्रतिक्रिया क्षमता को एकीकृत और सशक्त बनाना है, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में तत्काल और प्रभावी राहत प्रदान की जा सके।
—————
(Udaipur Kiran) / रोहित
