लखनऊ, 10 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । लखनऊ में अलीगंज सेक्टर ओ में गिरी विकास अध्ययन संस्थान (जीआईडीएस) के निदेशक प्रमोद कुमार के नियमों को ताख पर रखकर निर्णय लेने की मनमानी जारी है। इससे पहले निदेशक प्रमोद की मनमानी रोकने वाले लेखा अधिकारी रंजय कुमार को कार्यमुक्त कर दिया गया था। लेखा अधिकारी रंजय ने निदेशक पर तमाम भ्रष्टाचार के आरोप लगाये तो उन्हें इस वक्त दर-दर भटकना पड़ रहा है।
जीआईडीएस में निदेशक प्रमोद कुमार को पद पर बैठे हुए दो वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस दौरान प्रमोद कुमार ने तमाम ऐसे निर्णय लिये हैं, जिससे उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लोग सही ठहराते हैं। प्रमोद कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले कर्मचारियों को कार्यमुक्त किया गया, या फिर उस अधिकारी व कर्मचारी ने अपनी शिकायत वापस ले ली है।
कार्यमुक्त चल रहे कर्मचारी रंजय ने कहा कि उसने जीआईडीएस के निदेशक के विरुद्ध 17 जून 2023, 31 जुलाई 23, 26 अगस्त 23, 21 फरवरी 2024, 08 मार्च 24, 28 जून 24, 08 नवम्बर 24, 21 नवम्बर 24, 26 नवम्बर 24 और 03 दिसम्बर 24 को पत्र के माध्यम से नियोजन विभाग के उच्च अधिकारी से लेकर मुख्य सचिव तक से अपनी शिकायत दर्ज करायी है।
उन्होंने कहा कि रंजय कुमार ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाये तो उन्हें हटा दिया गया। जो कर्मचारी चुप्पी साध लिये और भ्रष्टाचार की स्वीकृति दे दी, उन्हें जीआईडीएस के निदेशक ने कार्य से नहीं निकाला। गिरी विकास अध्ययन संस्थान में पहले भी भ्रष्टाचार हुए है। वर्ष 2020 में तो भ्रष्टाचार के कारण ही निदेशक को हटाया गया था। वहीं खातों को सीज कर दिया गया था।
वहीं जीआईडीएस में वरिष्ठ लेखाधिकारी के विरुद्ध भी भ्रष्टाचार के जांच हुए थे, जिसमें निदेशक प्रमोद कुमार ने वरिष्ठ लेखाधिकारी का पक्ष लेते हुए जांच के खिलाफ अपनी रिर्पोट लगायी थी। ये जांच महालेखाकार के स्तर पर निर्देश के बाद वरिष्ठ उपमहालेखाकार व प्रशासन से करायी जा रही थी।
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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र