Haryana

चुनाव आयोग को स्वास्थ्य महानिदेशक ने दी सफाई, आचार संहिता लागू हाेने से पहले हुऐ थे नर्सिंग ऑफिसर की पदाेन्नति के आदेश

नर्सिंग ऑफिसर की पदोन्नति के आदेश इंटरनेट खराबी के चलते सीएमओ को देरी से भेजी गई थी मेल: स्वास्थ्य महानिदेशक

चंडीगढ़, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में चुनाव की घोषणा के दौरान 98 नर्सिंग ऑफिसर की पदोन्नति व तबादलों करने पर छिड़ा विवाद अब निर्वाचन आयोग तक पहुंच गया है। निर्वाचन आयोग के नोटिस के जवाब में स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. मनीष बंसल ने तर्क दिया है कि पदोन्नति सूची चुनावों के ऐलान से पहले ही जारी हो गई थी कि इंटरनेट नहीं चलने के बाद सीएमओ को यह सूची देरी से भेजी गई।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने नर्सिंग ऑफिसर की सीनियर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदोन्नति करने की शिकायत एक वरिष्ठ एडवोकेट ने केन्द्रीय निर्वाचन आयोग से की थी। केन्द्रीय निर्वाचन आयोग के 16 अगस्त को दोपहर तीन बजे चुनाव की तारीख का ऐलान करने के साथ ही

हरियाणा में चुनाव आचार संहिता लागू हाे गई थी। आराेप है कि स्वास्थ्य विभाग के डीजी हेल्थ व नर्सिंग ब्रांच के अधिकारियों ने रात आठ बजे के बाद सीनियर नर्सिंग अधिकारियों की पदोन्नति सूची जारी की गई, जो गलत और आचार संहिता का उल्लंघन है। शिकायतकर्ता ने कहा कि पदोन्नति आदेशों में तुरंत रिलीव करने के भी निर्देश दिए गए। यह शिकायत भारत निर्वाचन आयोग ने हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दी गई। जिस पर सीईओ हरियाणा ने राज्य के महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं से जवाब मांगा था। जिस पर महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा डॉ. मनीष बंसल की तरफ से भेजे गए जवाब में कहा गया है कि नर्सिंग ऑफिसर के पदोन्नति आदेश 16 अगस्त को दोपहर से पहले जारी किए गए थे। परंतु इंटरनेट न चलने के कारण सीएमओ को देरी से ईमेल की जा सकी। मामले में चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना नहीं हुई। जन स्वास्थ्य सेवाओं के मद्देनजर ही पदोन्नति प्रक्रिया अमल में लाई गई। जिसका किसी भी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति विशेष से कोई संबंध नहीं है। विभाग के किसी भी अधिकारी-कर्मचारी की ‘मैलाफाइड इनटेंशन’ प्रतीत नहीं होती।

इस बीच नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष विनीता बांगड़ ने कहा कि यह सूचियां रात को जारी की गई हैं। चुनाव आचार संहिता के बावजूद नर्सिंग ऑफिसर पर नए स्टेशनों पर ज्वाइनिंग का दबाव बनाया जा रहा है। पदोन्नति के बाद तबादला करने से पहले विभागीय अधिकारियों ने किसी से भी उसकी च्वाइस नहीं पूछी। जिसके चलते कई महिला नर्सिंग ऑफिसरों के तबादले दूर-दराज कर दिए गए हैं। जिस कारण शिक्षा सत्र बीच में होने से उनके बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। विनीता बांगड़ ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। चुनाव आयोग को अंधेरे में रखकर अचानक से नर्सिंग स्टाफ के तबादले किए गए हैं।

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(Udaipur Kiran) शर्मा सक्सेना

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