पेरिस/अल्जीयर्स, 14 मई (Udaipur Kiran) । फ्रांस और अल्जीरिया के बीच कूटनीतिक तनाव नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। फ्रांस ने बुधवार को जवाबी कार्रवाई करते हुए अल्जीरियाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। यह कदम अल्जीरिया द्वारा रविवार को 15 फ्रांसीसी अधिकारियों को देश से बाहर निकाले जाने के बाद उठाया गया।
फ्रांस के यूरोप और विदेश मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह निर्णय सख्त पारस्परिकता (Strict Reciprocity) के सिद्धांत के तहत लिया गया है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि अल्जीरियाई अधिकारियों को तलब कर इस निर्णय से अवगत कराया गया है।
हालांकि, फ्रांस की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि कितने अल्जीरियाई राजनयिकों को निष्कासित किया गया है। मंत्रालय ने अल्जीरिया से जिम्मेदाराना रुख अपनाने और दोनों देशों के हित में फिर से गंभीर और रचनात्मक संवाद की बहाली का आह्वान किया है।
यह राजनयिक संकट 2013 के उस समझौते का उल्लंघन है, जिसके तहत दोनों देशों के राजनयिक बिना वीजा के एक-दूसरे के देश की यात्रा कर सकते थे। अल्जीरिया का कहना है कि फ्रांस ने हाल ही में अपने राजनयिकों की नियुक्ति में प्रक्रियात्मक नियमों का उल्लंघन किया है, जिसके कारण उन्हें निष्कासित करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि फ्रांस और अल्जीरिया के बीच संबंध लंबे समय से औपनिवेशिक इतिहास, प्रवासन नीतियों और पश्चिमी सहारा विवाद जैसे मुद्दों को लेकर तनावपूर्ण रहे हैं। पिछले वर्ष फ्रांस द्वारा मोरक्को की पश्चिमी सहारा पर प्रभुत्व की योजना का समर्थन करने के बाद से अल्जीरिया की नाराजगी और बढ़ गई थी। अल्जीरिया इस क्षेत्र को अफ्रीका का आखिरी उपनिवेश मानता है और पोलिसारियो फ्रंट का समर्थन करता है। यह राजनयिक टकराव न केवल दोनों देशों के बीच वार्षिक 12 अरब डॉलर से अधिक के व्यापार को खतरे में डाल सकता है, बल्कि फ्रांस में रहने वाले लाखों अल्जीरियाई मूल के लोगों की आवाजाही और पारिवारिक संपर्कों को भी प्रभावित कर सकता है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
