
कहा – भाजपा में था, हूं और रहूंगा
कोलकाता, 1 मई (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने एक बार फिर अपने तीखे बयानों से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। दीघा में आयोजित जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठकर बातचीत करने के बाद सवालों के घेरे में आए दिलीप घोष ने बिना नाम लिए विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और पार्टी सांसद सौमित्र खान पर जमकर निशाना साधा। गुरुवार सुबह अपने चिर परिचित अंदाज में मॉर्निंग वॉक करने के बाद घोष ने कहा, जो लोग ममता के आंचल तले बड़े हुए हैं, वही आज मुझे बीजेपी सिखा रहे हैं।
दरअसल, दिलीप घोष का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कार्यक्रम में शामिल होने का वीडियो वायरल होने के बाद उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। इसे लेकर बीजेपी के अंदर ही कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर की थी। गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में दिलीप घोष ने इस विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी और पार्टी के भीतर उठ रहे सवालों पर भी जवाब दिया।
घोष ने कहा, मैं कल जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन में शामिल हुआ था। इसे लेकर बहुत विवाद हो रहा है लेकिन भगवान को राजनीति से ऊपर रखना चाहिए। यह सवाल उठाया जा रहा है कि मैं भगवान के पास क्यों गया। मैं बचपन से ही भगवान की सेवा करता आ रहा हूं। मैं मानता हूं कि मंदिर कोई भी बनाए, भगवान सबके हैं। बंगाल में हर चीज में राजनीति घुस गई है।
पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा उनकी आलोचना किए जाने पर दिलीप घोष ने कहा, मैं देख रहा हूं कि मेरे कुछ पार्टी कार्यकर्ता काफी दुखी हैं, आत्महत्या करने की सोच रहे हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि बीजेपी करने के लिए मजबूत दिल चाहिए। हमें इस पार्टी को खून-पसीने से इस मुकाम तक पहुंचाया है। बीजेपी के सच्चे कार्यकर्ता डरते नहीं हैं। जब से पार्टी में डर और शक ने घर किया है, तब से हम पीछे हट रहे हैं।
शुभेंदु अधिकारी पर सीधा हमला करते हुए घोष ने कहा, दिलीप घोष के खिलाफ बोलने की हिम्मत किसी में नहीं है। मुझे हिंदुत्व सिखाने की कोशिश मत करो। जो लोग बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं, वे ममता के आंचल तले पले-बढ़े हैं।
सांसद सौमित्र खान पर तंज कसते हुए दिलीप घोष ने कहा, जो लोग चार-चार गर्लफ्रेंड रखते हैं, जिनकी रात और दिन की जिंदगी अलग-अलग है, वे दिलीप घोष को भोगी कहते हैं! लोग जानते हैं दिलीप घोष कौन है।
हालांकि अपने बयानों में नाराजगी जाहिर करने के बावजूद दिलीप घोष ने साफ कर दिया कि वे बीजेपी में थे, हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा, कुछ लोग मुझे हटाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होने वाला। मैं अपने कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि घबराने की जरूरत नहीं है।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
