West Bengal

मणिपुर में एक-दो साल में शांति लौट आएगी : दिलीप घोष

भाजपा नेता दिलीप घोष

पश्चिम मेदिनीपुर, 14 फरवरी (Udaipur Kiran) । मणिपुर में अस्थिर परिस्थिति के बीच भाजपा नेता दिलीप घोष ने मणिपुर में शांति लौटने की उम्मीद जताई है। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने को लेकर दिलीप घोष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में 70 साल बाद अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद, जम्मू-कश्मीर में किसी भी हिंसा भड़काने की हिम्मत नहीं है। इसी तरह, हमारी सरकार मणिपुर में समस्या की जड़ तक गई है और एक या दो साल के भीतर वहां शांति बहाल हो जाएगी। दरअसल, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में छात्रों के संगठन ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने मार्च का आह्वान किया था। ‘आदिवासी एकता मार्च’ के नाम से हो रहे प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन उग्र हो गया। इसके बाद कई संगठनों ने ‘आदिवासी एकता मार्च’ का आह्वान किया, जिसमें हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि ऐसी स्थिति में मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने रविवार (नौ फरवरी) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद इस्तीफा दे दिया। एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिन बाद राज्य में गुरुवार को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।

पश्चिम बंगाल में नए मतदाता कार्ड के ऑनलाइन पंजीकरण को लेकर तृणमूल कांग्रेस की आलोचना करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 40-50 लाख फर्जी मतदाता हैं, ममता बनर्जी ने वहां चुनाव जीता है। हम इसका विरोध करने जा रहे हैं। वे (तृणमूल कांग्रेस) इस बार चुनाव हार जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि मणिपुर में दो साल पहले बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और कूकी समुदाय के बीच शुरू हुई हिंसा ने राज्य की स्थिति बदलकर रख दी। इसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई, वहीं लाखों लोगों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा। इस हिंसा के लिए देशभर में बातें हुई और लोगों ने राज्य के शासन और प्रशासन व्यवस्था हिंसा पर काबू पाने में असफल रहने के लिए जिम्मेदार ठहराया।

(Udaipur Kiran) / गंगा

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