-दिघलीपुखऱी से नूनमाटी तक बनने वाले फ्लाईओवर के लिए पेड़ों को काटा जाना था
गुवाहाटी, 30 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजधानी के प्रसिद्ध दीघालीपुखुरी के किनारे स्थित काफी पुराने पेड़ों की कटाई के खिलाफ छात्रों के साथ-साथ नागरिक समाज के विरोध के बाद मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा कि सरकार गुवाहाटी में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ विरासत और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि दिघालीपुखुरी के किनारे पुराने पेड़ों को काटे बिना दिघालीपुखुरी को नूनमाटी से जोड़ने वाले फ्लाईओवर के निर्माण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर रही है।
दीघालीपुखुरी के तट पर स्थित पुराने पेड़ों की कटाई के खिलाफ छात्रों के साथ-साथ नागरिक समाज के विरोध के बाद मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी में होने वाली ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए दिघलीपुखरी से नूनमाटी तक पांच किमी से अधिक सबसे लंबे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। ओवरब्रिज के निर्माण के कारण दिघलीपुखरी के किनारे स्थित कुछ पेड़ों को काटने के लिए निर्माण कार्य एजेंसी द्वारा निशान लगाया गया है। इसको देखते हुए छात्र संगठन एवं नागरिक समाज पेड़ों को बचाने के लिए पिछले कई दिनों से दिघलीपुखरी के किनारे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा कि सरकार गुवाहाटी में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ विरासत और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने दिघालीपुखुरी के किनारे पुराने पेड़ों को काटे बिना दिघालीपुखुरी को नूनमाटी से जोड़ने वाले फ्लाईओवर के निर्माण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में सोचने का आश्वासन दिया है।
इस बीच, पीडब्ल्यूडी विभाग कुछ दिनों में एक वैकल्पिक प्रणाली के साथ अपनी रणनीति प्रस्तुत करेगा। यह निर्णय पेड़ों की कटाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सामने आया है।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय