
बेतिया, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पश्चिम चंपारण ज़िला में निजी स्कूल के वर्ग 8 के छात्रों का पश्चिम चंपारण में स्थित सरकारी स्कूलों में वर्ग 9 में नामांकन कराना बालू से तेल निकालना जैसा है। सरकारी स्कूलों के नवम वर्ग में नामांकन करने हेतु निजी विद्यालयों के द्वारा निर्गत टीसी को बीईओ के बाद डीईओ से काउंटरसाइन कराना पड़ रहा है,जो बहुत ही टेढ़ी खीर है,जबकि दूसरे जिले में इसके लिए कोई आवश्यकता नहीं है।
निजी विद्यालय से पास वर्ग 8 के छात्रों का सरकारी विद्यालयों में नवी वर्ग में नामांकन नहीं होने से छात्र-छात्रा और उनके अभिभावक दर दर की ठोकर खा रहे हैं।
इस जिले में ऐसा कोई आदेश निर्गत नहीं किया गया है कि निजी विद्यालय के द्वारा निर्गत टी सी को जिला शिक्षा पदाधिकारी से काउंटरसाइन कराने की आवश्यकता नहीं है। एक ही राज्य में कई जिलों में विभिन्न प्रकार के आदेश का निर्गत होना शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को दर्शाता है।
,दूसरी जरूरी बात यह है कि निजी विद्यालय के प्रधानाध्यापक,नामांकन पंजी देने को तैयार नहीं है,जिसके कारण सरकारी विद्यालय के नवी वर्ग में छात्र/छात्राओं का नामांकन नहीं हो पा रहा है, इसे विडंबना ही कहा जा सकता है। निजी विद्यालय के द्वारा निर्गत टी सी को पहले बीईओ से उसके बाद डीईओ से काउंटरसाइन करना पड़ रहा है। इसके लिए नामांकन पंजी की मांग की जा रही है,ऐसा करने में हफ्तों का समय लग जा रहा है,कार्यालय का चक्कर काटते काटते माता,पिता,अभिभावक का चप्पल घिस जा रहा है और जिला का शिक्षा विभाग कान में तेल डालकर सोया हुआ है।
(Udaipur Kiran) / अमानुल हक
