जम्मू, 29 सितंबर (Udaipur Kiran) । स्थानीय नागरिकों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने के अपने मुख्य उद्देश्य के अनुरूप भारतीय सेना ने डेरा की गली (डीकेजी) में गुज्जर और बक्करवाल समुदायों के लिए संवाद और जागरूकता शिविर के साथ-साथ एक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य इन खानाबदोश समूहों को वन अधिकार अधिनियम (एफआरए), डेरा प्रवास प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करना और उनके सामने आने वाली किसी भी कठिनाई को कम करने में सहायता करना था।
इस कार्यक्रम ने भारतीय सेना और गुज्जर-बक्करवाल समुदायों को सार्थक संवाद में शामिल होने, एक-दूसरे के रीति-रिवाजों और मान्यताओं के बारे में गहरी समझ विकसित करने के लिए एक मंच प्रदान किया। यह संवाद सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देता है, सांस्कृतिक अंतर को पाटने और विश्वास बनाने में मदद करता है। उपस्थित लोगों के बीच एफआरए के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए डिज़ाइन किए गए पैम्फलेट वितरित किए गए, जबकि सभी आमंत्रित लोगों को जलपान की पेशकश की गई।
जागरूकता सत्र के अलावा, भारतीय सेना ने स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए एक निःशुल्क चिकित्सा और पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया, जो कठिन भूभाग और कठोर मौसम की स्थिति के कारण चुनौतियों का सामना करते हैं। विशेष नागरिक और सैन्य डॉक्टरों ने निःशुल्क स्वास्थ्य जांच की, चिकित्सा परामर्श, टीकाकरण और रोगियों को दवाइयाँ वितरित कीं। शिविर में डीकेजी के आस-पास के क्षेत्रों से 70 पुरुषों, 48 महिलाओं और 22 बच्चों सहित 140 व्यक्तियों को सेवा प्रदान की गई, जिन्हें बहुत आवश्यक चिकित्सा देखभाल और संसाधन प्रदान किए गए।
चिकित्सा देखभाल के साथ-साथ, बच्चों और स्थानीय निवासियों के बीच खाद्य पदार्थ वितरित किए गए। स्थानीय समुदाय ने भारतीय सेना के इस कदम की बहुत सराहना की है। बताते चलें कि ऐसे आउटरीच प्रयास को सुरक्षा बलों और स्थानीय आबादी के बीच विश्वास के बंधन को विकसित करने और मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जाता है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा