वाराणसी, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । जनपद के वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉक्टर अनिल तिवारी ने बताया कि मधुमेह नेत्र रोग ने बड़ी संख्या में लोगों को अपने प्रभाव में लिया है। मधुमेह आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे कुछ समय के बाद दृष्टि कमज़ोर हो सकती हैं। डायबिटिक रेटिनोपैथी, डायबिटिक मैकुलर एडिमा, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी बीमारियों का खतरा भी मधुमेह नेत्र रोग से बनता है।
उन्होंने बताया कि जलवायु बदलाव, देर तक टीवी देखना, मोबाइल देखना या कम्प्यूटर पर काम करने से सामान्य तौर पर आंखों को नुकसान पहुंचता है। इसी तरह मधुमेह होने पर आपके नेत्रों पर उसका असर होता है, जिसकी व्यापकता भी है। फिर भी इससे घबराने की कोई बात नहीं है, मेडिकल के क्षेत्र में इसका उपचार उपलब्ध है। आवश्यक दवाएं एवं उपचार के साथ ही आप अपनी आंखों को सुरक्षित रख सकते हैं।
क्या होती है डायबेटिक रेटिनोपैथी
आंखों अर्थात रेटिना के पीछे के ऊतकों (टिशू) में मौजूद नसों को नुकसान पहुंचने की वजह से होने वाली बीमारी डायबेटिक रेटिनोपैथी है। रक्त में मधुमेह का खतरा होने से इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है।
क्या है मधुमेह मैक्युलर एडिमा
मधुमेह (टाइप एक या टाइप दो) से पीड़ित लोगों को मधुमेह मैक्युलर एडिमा अपने प्रभाव में लेती है। इसमें मैक्युलर का अर्थ है कि रेटिना के मध्य का भाग, जो तीक्ष्ण केंद्रीय दृष्टि के लिए जिम्मेदार है। एडिमा का अर्थ है कि द्रव से ऊतकों की सूजन।
(Udaipur Kiran) / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा