HEADLINES

सांप्रदायिक विभाजन के जरिए बुनियादी मसलों से भटकाया जा रहा ध्यान : मल्लिकार्जुन खरगे

अहमदाबाद के सरदार स्मृति भवन में मंगलवार को कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य  वरिष्ठ नेतागण।

-अहमदाबाद के सरदार स्मृति भवन में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक

अहमदाबाद, 8 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आज सांप्रदायिक विभाजन के जरिए देश के बुनियादी मसलों से ध्यान भटकाया जा रहा है। दूसरी तरफ सामंती एकाधिकार देश के संसाधनों पर क़ब्ज़ा करते हुए शासन को नियंत्रित करने की राह पर हैं। पिछले कई सालों से तमाम राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है। वह अहमदाबाद में मंगलवार सुबह कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 140 सालों से देश में सेवा और संघर्ष के गौरवशाली इतिहास वाली कांग्रेस पार्टी के खिलाफ वातावरण बनाया जा रहा है। ये काम वह लोग कर रहे हैं, जिनके पास अपनी उपलब्धियां दिखाने और आजादी को लड़ाई में अपना योगदान बताने को कुछ भी नहीं है। वह सरदार पटेल और पंडित नेहरू के संबंधों को ऐसा दिखाने का षडयंत्र करते हैं, जैसे दोनों नायक एक दूसरे के खिलाफ थे। जबकि सच्चाई ये है कि वो एक सिक्के के दो पहलू थे। तमाम घटनाएं और दस्तावेज इनके मधुर संबंधों की गवाह हैं। खड़गे ने 1937 में गुजरात विद्यापीठ में सरदार पटेल के एक भाषण का ख़ास जिक्र कर बताया कि उस दौरान नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष थे। गुजरात के नौजवान चाहते थे कि प्रांतीय चुनाव में प्रचार के लिए नेहरू को बुलाया जाये। सरदार पटेल ने 7 मार्च 1937 को कहा कि जिस दिन गुजरात इस चुनाव आंदोलन में विजयी बन कर कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी साबित कर देगा, उस दिन हम कांग्रेस अध्यक्ष नेहरू का फूलों से स्वागत के साथ ही दिल से उनकी आगवानी करेंगे। 14 अक्तूबर 1949 को सरदार पटेल ने नेहरू के अभिनंदन ग्रंथ में कहा था कि पिछले दो कठिन सालों में नेहरू ने देश के लिए जो अथक परिश्रम किया है, वो मुझसे अधिक अच्छी तरह कोई नहीं जानता है। मैंने इस दौरान उनको भारी भरकम उत्तरदायित्व के भार के कारण बड़ी तेजी के साथ बूढे होते देखा है। नेहरू से सरदार पटेल कितना स्नेह करते थे, इन बातों से समझा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ये बातें पब्लिक रिकॉर्ड में दर्ज हैं। दोनों के बीच लगभग रोज पत्र-व्यवहार होता था। नेहरू तमाम विषयों में उनकी सलाह लेते थे। पटेल के प्रति नेहरू के मन में अपार आदर था। उनको कुछ सलाह लेनी होती तो वे खुद पटेल के घर जाते थे। पटेल की सुविधा के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठकें उनके निवास पर रखी जाती थीं। गांधी की वैचारिक विरासत ही असली पूंजी है जो सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी के पास है। कांग्रेस को अपने 140 साल के इतिहास में जिन प्रांतों से सबसे अधिक शक्ति मिली उसमें गुजरात अव्वल है। आज हम फिर से यहां प्रेरणा औऱ शक्ति लेने आए हैं। हमारी असली शक्ति देश की एकता, अखंडता और सामाजिक न्याय की विचारधारा है। लेकिन आज उस विचारधारा को आगे बढाने के लिए जरूरी है कि हम सबसे पहले खुद को मज़बूत करें। अपने संगठन को मज़बूत करें।

—————

(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

Most Popular

To Top