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धर्मेंद्र प्रधान ने डीएमके पर किया पलटवार, पीएम-श्री स्कूलों पर संसद में दिए बयान को दोहराया

धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पर साझा किया तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग का सहमति पत्र

नई दिल्ली, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार देर शाम तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग का सहमति पत्र साझा करते हुए स्पष्ट किया कि वे संसद में दिए अपने बयान पर पूरी तरह कायम हैं। उन्होंने कहा कि डीएमके सांसदों और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उन पर संसद को गुमराह करने का झूठा आरोप लगाया, लेकिन अब सच्चाई सबके सामने है।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, मैंने संसद में जो कहा था, वह तथ्यात्मक रूप से सही है। 15 मार्च 2024 को तमिलनाडु स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा दिया गया सहमति पत्र इसका प्रमाण है। डीएमके सरकार जितने भी झूठ फैलाना चाहे, लेकिन सच को बदला नहीं जा सकता। जब सच्चाई सामने आती है, तो वे उसे दबाने की कोशिश तक नहीं करते।

उन्होंने डीएमके सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्टालिन को तमिलनाडु की जनता के सामने जवाब देना होगा। प्रधान ने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार भाषा के मुद्दे को एक रणनीति के तहत उछाल रही है ताकि असल मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके। उन्होंने कहा, सरकार अपनी सुविधा के अनुसार तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है, लेकिन इससे उनकी प्रशासनिक विफलताएं छिप नहीं सकतीं।

डीएमके के एनईपी विरोध पर सवाल

प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर डीएमके सरकार के रुख में अचानक आए बदलाव पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, डीएमके का यह विरोध केवल राजनीतिक स्वार्थों और अपने राजनीतिक भविष्य को पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है। यह प्रतिगामी राजनीति तमिलनाडु के छात्रों के उज्ज्वल भविष्य को नुकसान पहुंचा सकती है।

केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री स्टालिन से आग्रह किया कि वे एनईपी 2020 को राजनीतिक चश्मे से न देखें और राज्य के बच्चों के हित को सर्वोपरि रखें। प्रधान ने कहा, तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य राजनीति से बड़ा है। मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि वे तात्कालिक राजनीतिक लाभ के बजाय शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता दें।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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