जौनपुर ,21 नवंबर (Udaipur Kiran) । खुटहन क्षेत्र में 2017 में हुए उपद्रव के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, बृजेश सिंह प्रिंसू और अन्य आरोपितों के खिलाफ जारी वारंट को कोर्ट ने 20,000 रुपये के व्यक्तिगत बंधपत्र पर निरस्त कर दिया।
6 नवंबर 2017 को खुटहन क्षेत्र पंचायत प्रमुख सरजू देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान हिंसा हुई थी। आरोप लगाया गया था कि बीडीसी सदस्यों और पुलिस पर पथराव, पुलिस पर जानलेवा हमला, फायरिंग, तोड़फोड़, आगजनी, सरकारी संपत्तियों को नुकसान और पुलिसकर्मियों के हेलमेट और कैमरे छीनना। कई गाड़ियों को क्षतिग्रस्त करना।
तत्कालीन थानाध्यक्ष राम मूर्ति यादव ने शैलेंद्र यादव उर्फ ललई, धनंजय सिंह, बृजेश सिंह प्रिंसू समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोपिताें को 6 नवंबर 2024 को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया था। आरोपिताें की अनुपस्थिति पर कोर्ट ने वारंट जारी किया। इस पर 21 नवंबर 2024 को धनंजय सिंह, बृजेश सिंह प्रिंसू और अन्य आरोपित कोर्ट में पेश हुए। उनके अधिवक्ता ने खुद धनंजय सिंह ने तर्क दिया कि उनकी अनुपस्थिति जानबूझकर नहीं थी। कोर्ट से वारंट निरस्त करने की प्रार्थना की। इस पर सिविल जज (एमपी/एमएलए कोर्ट) अनुज कुमार जौहर ने 20,000 रुपये के व्यक्तिगत बंधपत्र पर वारंट निरस्त कर दिया।
मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई है। यह मामला गंभीर धाराओं में दर्ज है और कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद भी यह अभी विचाराधीन है। आरोपिताें की जमानत जारी है और कानूनी प्रक्रिया के तहत अगली सुनवाई में मामले की आगे की सुनवाई होगी।
(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव