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डीजीजीआई ने पकड़ी 2.01 लाख करोड़ की जीएसटी चोरी, एक साल में डबल हुई चोरी की रकम

1 साल में 2 लाख करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी का खुलासा

– वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान जीएसटी चोरी के 6,084 मामलों को पकड़ा गया

नई दिल्ली, 15 सितंबर (Udaipur Kiran) । जीएसटी की जांच शाखा डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) ने पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान जीएसटी चोरी से जुड़े 6,084 मामलों का पता लगाया है‌। इन मामलों के तहत करीब 2.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी की चोरी होने का दावा किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि ये राशि 2022-23 के दौरान पकड़ी गई 1.01 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी से दोगुनी है। 2022-23 के दौरान जीएसटी की चोरी के कुल 4,872 मामलों को पकड़ा गया था। जांच के दौरान सर्विसेज में ऑनलाइन गेमिंग और सामान में तांबा, लोहा, स्क्रैप और एलॉय सेक्टर सबसे अधिक टैक्स चोरी वाले सेक्टर के रूप में सामने आए हैं।

डीजीजीआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में 26,605 करोड़ रुपये के वॉलंटरी टैक्स का भुगतान किया गया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में ये आंकड़ा 20,713 करोड़ रुपये का था। इस रिपोर्ट के अनुसार टैक्स चोरी के करीब 46 प्रतिशत मामले सीक्रेट सप्लाई और अंडरवैल्युएशन के जरिए टैक्स का भुगतान न करने से संबंधित हैं। इसी तरह करीब 20 प्रतिशत मामले फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट से और 19 प्रतिशत मामले इनपुट टैक्स क्रेडिट का गलत फायदा उठाने या नॉन रिवर्सल से संबंधित हैं।

डीजीजीआई की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 के दौरान ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में सबसे अधिक टैक्स चोरी के मामले पकड़े गए। ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में टैक्स चोरी के 78 मामलों में 81,875 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता चला है। ऑनलाइन गेमिंग के बाद बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस सेक्टर के 171 मामलों में 18,961 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। इसी तरह वर्क कॉन्ट्रैक्ट सर्विसेज के 343 मामलों में 2,846 करोड़ रुपये की और फार्मास्यूटिकल सेक्टर के 22 मामलों में 40 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का मामला पकड़ा गया है।

इस वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि तांबा, लोहा, स्क्रैप और मिश्र धातु के सेक्टर में जीएसटी चोरी के 1,976 मामले पकड़े गए, जिनमें 16,806 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता चला। इसी तरह तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट और बीड़ी उद्योग के 212 मामलों में 5,794 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता चला। वहीं प्लाईवुड, लकड़ी और कागज के सेक्टर में 1,196 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी से जुड़े 238 मामलों की जानकारी सामने आई। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स में 1,165 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के 23 मामलों का पता चला, जबकि संगमरमर, ग्रेनाइट और टाइल्स में 315 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के 235 मामले पकड़े गए।

इस रिपोर्ट में टैक्स चोरी के मामलों में मुंबई सबसे अव्वल स्थान पर रहा है। मुंबई में कुल 70,985 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ी गई। मुंबई के बाद 18,313 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामलों के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर और 17,328 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के मामलों के साथ पुणे तीसरे स्थान पर है। इसके अलावा गुरुग्राम में 15,502 करोड़ रुपये की और हैदराबाद में 11,081 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पकड़ी गई।

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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक

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