
कोलकाता, 21 मई (Udaipur Kiran) । उत्तर बंगाल के आठ ज़िलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सिलिगुड़ी स्थित उत्तरकन्या में आयोजित एक अहम बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस महकमे की जमकर क्लास ली। कानून व्यवस्था की गिरती स्थिति और पुलिस की निष्क्रियता को लेकर उन्होंने स्पष्ट नाराज़गी जताई। राज्य की गृह मंत्री होने के नाते ममता ने न सिर्फ ज़िला पुलिस अधिकारियों को फटकारा, बल्कि राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार को भी नहीं बख्शा।
बैठक की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने उत्तर बंगाल के अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों की संवेदनशीलता पर बल दिया। उन्होंने पुलिस को चेताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए। लेकिन जैसे-जैसे चर्चा आगे बढ़ी, ममता बनर्जी ने एक-एक कर पुलिस अधिकारियों से जवाब-तलब करना शुरू कर दिया।
कूचबिहार के एसपी द्युतिमान भट्टाचार्य से उन्होंने सीधे सवाल किया कि डीएसपी हेडक्वार्टर चंदन दास बैठक में क्यों नहीं आए। जवाब सुनने से पहले ही मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है। पुलिस के भीतर गुटबाजी क्यों हो रही है? पुलिस का काम है जनता की सेवा, न कि ग्रुप बनाकर किसी को दरकिनार करना।
मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर चंदन दास ने सिर्फ इतना कहा कि वे बैठक में वर्चुअली शामिल थे और इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, क्योंकि यह पुलिस का आंतरिक मामला है।
बैठक में एक और पुलिस अधिकारी नीरज सिंह का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके खिलाफ भी कई शिकायतें मिल रही हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि नीरज किस जिले में पदस्थ हैं। ममता ने स्पष्ट कहा कि बॉर्डर पर निगरानी और सख्ती होनी चाहिए।
बैठक में कूचबिहार से तृणमूल सांसद जगदीश चंद्र बसुनिया ने शिकायत की कि ग्रामीण सड़कों पर भारी ट्रकों की आवाजाही से नई बनी सड़कें टूट रही हैं। इस पर ममता ने राजीव कुमार को डांटते हुए कहा, मैं कितनी बार कह चुकी हूं कि ओवरलोडेड ट्रक गांवों में न घुसें। फिर भी ऐसा क्यों हो रहा है? कोई पैसा खाकर ट्रकों को एंट्री दे रहा है क्या? यह काम आईसी की निगरानी में होता है और इसकी ज़िम्मेदारी डीजी की बनती है।
मुख्यमंत्री ने माइक से थोड़ा हटकर भी कहा, कुछ भी कहो, ये लोग सुनते ही नहीं! राजीव कुमार ने जवाब में कहा, मैं देख लूंगा मैम! मगर ममता इससे संतुष्ट नहीं हुईं और दोबारा फटकार लगाते हुए बोलीं, कब तक देखोगे? मेरी ज़ुबान थक गई है एक ही बात बार-बार कहते-कहते।
गौरतलब है कि राजीव कुमार को ममता बनर्जी का विश्वासपात्र माना जाता है। वर्ष 2019 में जब उनके घर पर सीबीआई ने छापा मारा था, तब ममता ने धरना देकर उनका समर्थन किया था। इस बार सार्वजनिक रूप से ममता की नाराज़गी सामने आने से कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हालांकि प्रशासन के कुछ अधिकारियों का मानना है कि यह मुख्यमंत्री की तत्काल प्रतिक्रिया थी और इससे राजीव पर उनका भरोसा कम नहीं होगा।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
