
नैनीताल, 20 मार्च (Udaipur Kiran) । नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून के पुरुकुल-किमाड़ी गांव के बीच दो सड़क बनाने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को मामले से संबंधित सभी फोटोग्राफ डीएफओ मसूरी और मुख्य अभियंता को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं ताकि वे मामले का संज्ञान लेकर उस पर उचित कार्यवाही कर सके। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 04 अप्रैल की तिथि नियत की है। कोर्ट ने उस तिथि पर डीएफओ मसूरी और चीफ इंजीनियर को वर्चुअल कोर्ट में पेश होने को कहा है। पूर्व के आदेश के क्रम में मसूरी डिवीजन के डीएफओ और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता कोर्ट में पेश हुए। संबंधित विभाग की ओर से एक मार्च को विवादित सड़क का संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार, सिटीजन फॉर ग्रीन दून इलेवन संगठन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादून और मसूरी के बीच पुरुकुल-किमाड़ी गांव है जो पहले से ही सड़क मार्ग से जुड़े हैं लेकिन लोक निर्माण विभाग ने पीएमजीएसवाई यानी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इन गांवों के लिए एक और सड़क बना दी है। इस नई सड़क से पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा है।
याचिका में कहा गया है कि इस सड़क के कटान का मलबा सड़क के नीचे फेंक दिया गया, जिससे प्राकृतिक जल स्रोत बंद हो गए और पेड़ पौधों को भी काफी नुकसान हुआ है। इसके अलावा, मानकों के मुताबिक पीएमजीएसवाई से उन गांवों को जोड़ा जाता है, जहां पहले से सड़क नहीं होती है लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ।
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(Udaipur Kiran) / लता
