
नई दिल्ली, 23 मई (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने 1993 के दिल्ली धमाके में 9 लोगों की हत्या और 31 लोगों के घायल होने के मामले में दोषी देवेंद्र भुल्लर को तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया है। जस्टिस गिरीश कथपलिया की बेंच ने कहा कि भुल्लर का जेल में इलाज संभव है और वो भी अच्छी गुणवत्ता वाली।
भुल्लर को 1995 में गिरफ्तार किया गया था। अगस्त 2001 में स्पेशल टाडा कोर्ट ने भुल्लर को मौत की सजा सुनाई थी। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।
देविंदर भुल्लर को मिली पैरोल आज खत्म हो रही थी। भुल्लर ने पेरोल की अवधि बढ़ाये जाने की मांग की थी। भुल्लर ने याचिका में कहा था कि उसे सीजोफ्रेनिया हो गया है जिसका इलाज चल रहा है। इस मामले में भुल्लर के वकील ने आज कुछ दलीलें रखी ही थी कि कोर्ट ने उसे सरेंडर करने को कहा। उसके बाद भुल्लर के वकील ने कहा कि वे याचिका वापस ले रहे हैं और आज ही जेल में सरेंडर कर देंगे।
सुनवाई के दौरान भुल्लर की ओर से पेश वकील ने कहा कि हिरासत में जाने के बाद भी भुल्लर बैरक में कभी नहीं रहा, वो अस्पताल में ही रहा। वो जेल के अस्पताल से हर हफ्ते जेल आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता रहा। भुल्लर के वकील ने कहा क वो 30 वर्षों से जेल में है। उन्होंने कहा कि भुल्लर ने कभी भी पैरोल की शर्त को उल्लंघन नहीं किया है।
खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकी भुल्लर सितंबर 1993 में दिल्ली बम धमाके का दोषी है।
(Udaipur Kiran) /संजय
—————
(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
