
देवास, 11 मार्च (Udaipur Kiran) । चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत का जश्न मना रहे युवकों का सिर मुंडवाकर देवास पुलिस ने जुलूस निकाल दिया। इससे पुलिस सवालों में घिर गई। यह मामला मंगलवार को विधानसभा तक पहुंच गया। देवास विधायक गायत्री राजे पवार ने पुलिस की कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा कि सभी लोग देश की जीत की खुशी मना रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं मानती हूं कि बच्चे थोड़े ज्यादा उत्तेजित थे, लेकिन जिस तरह से सजा दी गई वो ज्यादा थी। पुलिस के लिए भी ऐसे हालात में शांति बनाए रखना बड़ा चैलेंज है। लेकिन ये बच्चे किसी क्रिमिनल बैकग्राउंड के नहीं थे। उसकी इतनी बड़ी सजा नहीं होनी चाहिए थी। अब पूरे घटनाक्रम को लेकर एसपी पुनीत गेहलोद ने जांच के आदेश दिए हैं। एडिशनल एसपी जयवीर सिंह भदौरिया जांच कर सात दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
दरअसल, रविवार की रात चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम की जीत की खुशी में एबी रोड सयाजी गेट पर बड़ी संख्या में लोगों ने जश्न मनाकर आतिशबाजी की थी। जुलूस निकाला और पटाखे फोड़े। कोतवाली टीआइ अजय गुर्जर से अभद्रता की गई। इस मामले में अगले पुलिस ने 10 युवकों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने इनके सिर मुंडवाकर सोमवार रात को शहर में जुलूस निकाला। सभी 10 आरोपियों को एसडीएम कोर्ट से जमानत भी मिल गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि युवक केवल जश्न मना रहे थे। पुलिस ने पहले बदसलूकी की और कुछ देर बाद मोमोज का ठेला लगाने वाले को बेवजह पीट दिया। घायल युवक के परिजन और सामाजिक संगठनों ने एसपी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने दोषी आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मारपीट का सीसीटीवी वीडियो सामने आते ही पुलिसकर्मी को लाइन अटैच कर दिया गया।
पुलिस का आरोप है कि युवकों ने जश्न मनाते समय हुड़दंगबाजी की। पुलिस के रोकने पर भी नहीं माने। पुलिस के वाहन पर पत्थर फेंका था। इस घटनाक्रम के बाद बड़ी संख्या में पहुंचे पुलिस बल ने मौजूद युवकों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें भगा दिया। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी ने मोमोज का ठेला लगाने वाले एक युवक को लाठी से पीट दिया। हालत गंभीर होने पर उसे इंदौर रेफर किया गया है।
इस मामले में मंगलवार सुबह विधायक गायत्रीराजे पवार भी एसपी ऑफिस पहुंचीं। एसपी से चर्चा कर उन्होंने घटना की जानकारी ली। विधायक ने युवकों का मुंडन कर जुलूस निकालने के मामले को गलत बताया। विधायक ने कहा कि युवकों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड या ऐसी पृष्ठभूमि नहीं है। पूरे मामले की हर पहलू पर जांच होनी चाहिए। पुलिस भी सुरक्षा के लिए ही है। वह भी अपना काम कर रही है, लेकिन निर्दोषों को सजा नहीं मिलनी चाहिए।
पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद के अनुसार विधायक ने घटनाक्रम की जानकारी ली। टीआई से अभद्रता, व्यापारी की पिटाई, पुलिस पर लगे आरोप जैसे सभी बिंदुओं पर एडिशनल एसपी को जांच सौंपी हैं। आतिशबाजी में घायल युवक की रिपोर्ट पर ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है। दो सौ लोगों को आरोपी बनाने की खबर झूठी है।
(Udaipur Kiran) तोमर
