
जयपुर, 1 मई (Udaipur Kiran) । विद्याधर नगर स्टेडियम में गुरुवार से सात दिवसीय शिवमहापुराण कथा की शुरुआत हुई। कथा के पहले दिन ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे। तेज धूप और गर्मी के बावजूद लोग सुबह से ही स्टेडियम पहुंचने लगे। कथा का आयोजन पंडित प्रदीप मिश्रा के सान्निध्य में किया जा रहा है, जो 1 मई से 7 मई तक रोजाना दोपहर 1 बजे से की जा रही है।
कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पानी, छाया, बैठने और चिकित्सा की समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं। स्टेडियम के बाहर और भीतर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। आयोजन स्थल को फूलों से सजाया गया है, जहां हर हर महादेव के जयघोष गूंजते रहे।
कथा की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण, गणेश पूजन और जलाधिवास अनुष्ठान से हुई। पंडित प्रदीप मिश्रा ने पहले दिन शिव और सती की कथा सुनाई। उन्होंने कथा के माध्यम से शिव भक्ति, संयम और सेवा का संदेश दिया।
राजस्थान की बेटियों को मर्यादित वस्त्र पहनने की दी सलाह
कथा से पहले निकली ऐतिहासिक कलश यात्रा को लेकर प्रदीप मिश्रा ने कहा-जयपुर में जो कथा से पहले कलश यात्रा निकली ऐसी कलश यात्रा राजस्थान में पहली बार निकली है, जिसमें हमारे राजस्थान की माताएं बहनें मर्यादा पूर्ण वस्त्र में शामिल हुई। मैं आज राजस्थान की भूमि पर जयपुर से अपनी बेटियों को कहना चाहूंगा कि आप अपने पहनावे का बहुत ध्यान रखें। आप कितने भी बड़े हो जाएं, विकासशील हो जाएं। लेकिन आप बाहर की सभ्यता और बाहर का पहनावा इस राजस्थान में मत लेकर आना। राजस्थान का पहनावा अपने आप में अलौकिक है। यहां का पहनावा तो वो पहनावा है जिसे पार्वती जी ने भी धारण किया। यहां का पहनावा वो पहनावा है जिसे भगवान शंकर ने भी धारण किया। ईसर और गौरा के रूप में जब शिवमहापुराण का यजमान बने थे तो माता पार्वती ने सोलह श्रृंगार किया था।
कथा के दौरान पूरा पांडाल परिसर श्री शिवाय नमस्तुभ्यम और सारी समस्या का हल एक लोटा जल के जयकारों से गुंजता रहा। इस दौरान कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने लोगों को मंच से बुलाकर बेल पत्र भी दिए।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहुंची कथा स्थल
कथा के दौरान राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी कथा स्थल पहुंची। इस दौरान मंच से वसुंधरा बोली- महाराज जहां भी जाते हैं, भीड़ में कोई कमी नहीं आती। आज तक शिव महापुराण का महत्व किसी ने नहीं बताया। मैंने खुद गीता प्रेस से शिवपुराण लाकर इसके बारे में जानने की कोशिश की है। जयपुर वासियों का यह सौभाग्य है कि शिवमहापुराण की कथा आपके माध्यम से सुनाई जा रही है।
कीमती सामान न लाने की अपील
आयोजन समिति के संयोजक राजन शर्मा एवं अनिल संत ने बताया- कथा के पहले दिन कथा पांडाल में लाखों श्रद्धालु कथा सुनने पहंचे। श्रद्धालुओं की संख्या और आस्था के आगे पांडाल भी छोटा पड़ गया। ऐसे में अगले दिन की कथा के लिए दो जगहों पर और पांडाल बनाकर वहां 50 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। कथा के प्रति लोगों की श्रद्धा इतनी थी कि तेज धूप और गर्मी के बावजूद भी श्रद्धालु धूप में खड़े रहे। ऐसे में यह व्यवस्था की जा रही है। समिति की ओर से श्रद्धालुओं से अपील है कि वे समय से पहुंचें और शांतिपूर्ण ढंग से कथा में शामिल हों। किसी भी प्रकार के स्वर्ण आभूषण और कीमती सामान लेकर न आए।
व्हीलचेयर पर बैठकर मरीजों ने सुनी कथा
कथा के दौरान काफी संख्या में मरीज भी कथा सुनने पहुंचे। कई मरीजों को उनके परिजन व्हीलचेयर पर लेकर पहुंचे। पाली के रहने वाले पेशेंट लोकेश शर्मा व्हीलचेयर पर बेल पत्र लेने के लिए पहुंचे। लोकेश शर्मा के साथ आए परिजन मेनका शर्मा ने बताया 2020 में लोकेश का एक्सीडेंट हो गया था, जब से यह व्हीलचेयर पर है। यह पहली बार इसे लेकर कथा में आए हैं जिससे यह सही हो जाए।
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(Udaipur Kiran)
