वाराणसी, 01 अगस्त (Udaipur Kiran) । श्रावण मास के दूसरे गुरूवार को दशाश्वमेध स्थित देव गुरू भगवान बृहस्पति का दूसरा जलविहार श्रृंगार किया गया। इस अवसर पर देवगुरू की भव्य झांकी सजाई गई। भोग और आरती के बाद मंदिर का पट आम लोगों के लिए खोल दिया गया। दरबार में दर्शन पूजन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने पीला वस्त्र धारण कर देव गुरू का दर्शन पूजन किया। इसके पहले मंदिर के पुजारी अजय गिरी की देखरेख में भोर में देवगुरू के विग्रह को पंचामृत स्नान कराया गया। 11 ब्राहमणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा का विधिवत श्रृंगार कराया। इसके बाद स्वर्ण मुखौटा, छत्र धारण कराकर चांदी के अष्टधातु के साथ बाबा को पालना पर विराजमान कराया गया। मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर परिक्रमा स्थल,गर्भगृह तक अशोक और कामिनी की पत्तियों के साथ रूई थर्मोकोल,रंग बिरंगे कपड़े एवं विद्युत झालर से पूरे प्रांगण को सजाया गया। सांयकाल 7 बजे से मध्य रात्रि तक भजन संध्या का भी आयोजन है। मंदिर में प्रातःकाल 4 बजे मंगला आरती अजय गिरी ने कराई । सन्तोष गिरी ने भोर आरती के साथ रूद्राभिषेक कराया। बाबा की शयन रात्रि 1 बजे सम्पन्न होगी। मंदिर में प्रसाद वितरण अभिषेक गिरी, अक्षय गिरी ने कराया।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी / बृजनंदन यादव