

वाराणसी, 03 फरवरी (Udaipur Kiran) । वसंत पंचमी पर्व पर सोमवार को बाबा विश्वनाथ की नगरी मां वाग्देवी के पूजन-अर्चन में लीन है। अलसुबह से ही पूजा पंडालों में स्थापित विद्या, बुद्धि और वाणी की अधिष्ठात्री देवी माता सरस्वती की प्रतिमाओं का पीत वस्त्र-आभूषण से शृंगार करने के बाद पीले फूलों से झांकी सजाई गई। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार एवं हवन-पूजन के बीच प्राण प्रतिष्ठा आचार्यों की देखरेख में हुई। भोग अक्षत अर्पित करने के बाद पंडाल का पट आम लोगों के लिए खोल दिया गया।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर स्थित वाग्देवी मंदिर समेत देवालयों में भी माता के दर्शन-पूजन के लिए युवा पहुंचते रहे। सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ मां वाग्देवी का पूजन-अर्चन किया। इसके पहले पूजा समितियों के पदाधिकारी पंडालों में शनिवार को ही प्रतिमाओं को लेकर पहुंचे। देर शाम तक यह क्रम बना रहा। मूर्तिकारों के यहां से प्रतिमा लाते समय युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। पंडालों में मूर्तियों के मुंह को ढंक कर लाया गया। घरों में भी पूजन के लिए छोटे आकार की मां सरस्वती की प्रतिमाओं को लाकर पूजन अर्चन किया गया। शहर और ग्रामीण अंचल में मां सरस्वती के पांच सौ से अधिक पूजा पंडाल बनाए गए है। भदैनी में महादेव के शिवलिंग के नीचे मां की प्रतिमा विराजित है। इसी तरह गिलट बाजार में मां दुर्गा की तरह 10 भुजाओं वाली प्रतिमा दो शेर के साथ पंडाल में विराजमान है। सभी पूजा पंडालों में दोपहर से ही श्रद्धालु युवा दर्शन-पूजन के लिए पहुंच रहे हैं।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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